संवादाता:-देवव्रत राय
जिला:-बलरामपुर(छत्तीसगढ़)
गांव कि महिलाएं आर्थिक रूप से बन रहीं आत्मनिर्भर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मिल रहा रोजगार,समाज में मुख्यधारा से जुड़ना चाहती हैं गांव कि महिलाएं…..
बलरामपुर जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह की महिलाएं परंपरागत बंधनों को तोड़ आर्थिक रूप से सक्षम होकर सफलता की नई सीढ़ियां चढ़ने को तैयार।
12602 पोल का किया गया निर्माण, 6220 पोल की हुई आपूर्ति।गौठानों के फेंसिंग में होगा उपयोग।रूढ़ियां इच्छा और आकांक्षाओं का दमन करती हैं और जब बात महिलाओं के आगे बढ़कर काम करने की हो तो यह और अधिक प्रभावित करती हैं लेकिन चुनौतियों के हर दौर में महिलाओं ने अपने आप को साबित किया है
चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो यहां महिलाओं की बड़ी आबादी काम करना चाहती हैं लेकिन अवसरों की कमी उनके कदम आगे नहीं बढ़ने देती और आर्थिक रूप से सक्षम बन अपने सपनों को पूरा करने की चाहत उनकी अधूरी रह जाती है।
लेकिन बलरामपुर जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह की महिलाएं परंपरागत बंधनों को तोड़ आर्थिक रूप से सक्षम होकर सफलता की नई सीढ़ियां चढ़ने को तैयार हैं महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़कर आर्थिक स्वावलंबन करने की कोशिश जिला प्रशासन की तरफ से की जा रही है इसी क्रम में स्व सहायता समूह की महिलाएं गौठान व बाड़ी के घेराव के लिए आरसीसी पोल का निर्माण कर रही हैं।
जिला पंचायत सीईओ तुलिका प्रजापति के द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही प्रशासनिक कार्यों में गति लाने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने गैर कृषि गतिविधियों में बिहान योजना से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
स्व सहायता समूह कि महिलाओं ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें रोजगार के अवसर देकर उनका आत्मविश्वास बढाया है।