– भाषण देने पर नाबालिग बालिका के खिलाफ दर्ज किया मामला
– शाहपुर नायब तहसील के मनगढंत शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आँख बंद कर दर्ज किया मामला
– कलेक्ट्रेट गेट में प्रवेश के दौरान मौजूद नही रहे लोगो के विरुद्ध सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप

डिंडौरी। जिले की पुलिस और प्रशासन कब क्या कर जाये कुछ कहा नही जा सकता हैं, यूँ तो डिण्डोरी पुलिस द्वारा फर्जी प्रकरण दर्ज करने के सैकड़ो मामलें की शिकायतें सामने आते रहते हैं,पुलिस की लाल फीताशाही के कारण अनेको निर्दोष व्यक्ति कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पर मजबूर हैं,शिकायतों के बगैर परीक्षण और जाँच के पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया जाना घोर अन्याय हैं।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत समस्त नागरिकों को अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता हैं, लेकिन डिंडौरी जिले में अभिव्यक्ति के आजादी का पुलिस और प्रशासन के द्वारा दमन किया जा रहा है। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने बताया कि 11 सितंबर को आयोजित सत्याग्रह जन आक्रोश आंदोलन के मंच से भाषण देने वालों के विरूद्ध सत्ता धारियों के इशारों पर अनुचित तरीके से फर्जी मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि शाहपुर नायब तहसीलदार के द्वारा शिकायत पर जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते,वैभव परस्ते, रमेश राजपाल, शरीफ खान, हरि मरावी, राजावली मरावी, वीरेंद्र विहारी शुक्ला,एस के विश्वास, समेत लक्ष्मी मरावी के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 145,149,353,186,188,के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जबकि गेट में प्रवेश के दौरान छात्रा लक्ष्मी मरकाम, हरि मरावी, राजावली मरावी, एस के विश्वाश मौजूद नहीं थे, ये सभा स्थल से ही घर रवाना हो गए थे। रुदेश परस्ते ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर जबरन सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है, कोतवाली पुलिस ने एक बार भी नायब तहसीलदार के शिकायत की तहकीकात करने की जहमत नहीं उठाते हुए आँख बंद कर मामला दर्ज कर दिया जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके विरोध में जल्द ही भूख हड़ताल किया जाएगा। इस दौरान जल, जंगल, जमीन साझा मंच के हरिसिंह मरावी, राजावली मरावी समेत अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे हैं।
छात्रा ने कोतवाली में की जिला प्रशासन की शिकायत
नाबालिग छात्रा ने शनिवार को कोतवाली थाना पहुंचकर आवेदन प्रस्तुत कर न्याय पूर्ण कार्यवाही करने की मांग को लेकर जिला प्रशासन के विरुद्ध शिकायत की है शिकायत पत्र में उल्लेख है कि 11 सितंबर को आयोजित आमसभा में मेरे द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विषय पर 2 मिनट विचार व्यक्त किया गया था, इसके बाद में घर चली गई थी लेख है कि 15 सितंबर को समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि मेरे विरुद्ध आपराधिक प्रकरण नायब तहसीलदार शाहपुर के द्वारा लिखित शिकायत दर्ज कराया गया,जिससे मेरी छवि खराब हुई है । संविधान के अनुच्छेद 19 में सबको अभिव्यक्ति की आजादी है मैं भी आमसभा में अपना विचार व्यक्त कि है कोई अपराध नहीं की है। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते,सदस्य हीरा परस्ते,वैभव परस्ते, हरि मरावी समेत बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे हैं,उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए निष्पक्ष जांच की माँग की है।
