– जमीनी मुद्दों को लेकर ऐतेहासिक आंदोलन संपन्न
– आंदोलन में शामिल जन समूह से भरा रहा जबलपुर बस स्टैंड
– कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अतिशीघ्र निराकरण करने की माँग

डिंडौरी। आदिवासी किसान बाहुल्य जिला डिण्डौरी में जल-जंगल-जमीन की रक्षा करने व शिक्षा चिकित्सा व्यवस्था दुरूस्त करने के साथ भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही कराने को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष रूदेश परस्ते की अगुवाई मे सोमवार को बस स्टैंड मे जोरदार प्रदर्शन किया ग़या। प्रदर्शन के बाद राज्यपाल के नाम मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा ग़या , ज्ञापन मे बताया ग़या कि आदिवासी किसान बाहुल्य जिला डिण्डौरी में जल-जंगल-जमीन खतरे में है। शिक्षा-चिकित्साि की हालत अत्यंत दयनीय है। भ्रष्टाचार चरम सीमा को पार कर चुका है। ज्ञापन के माध्यंम से जिले की समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराने की मांग की गई है । ज्ञापन मे जल आपूर्ति के नाम पर शासन द्वारा लोक स्वाास्य् यांत्रिकीय विभाग के माध्याम से नल-जल योजना जल-जीवन मिशन के कार्यो में करोडो रूपये फूक दिये गये है। लेकिन ग्रामीणों को इसका वास्ताविक लाभ नही प्राप्त हो रहा है। लोक स्वा्स्य् यांत्रिकीय विभाग द्वारा स्कूलोऑगनवाडी भवनों में भी स्वच्छ जल आपूर्ति के कामों में व्यापक अनियमितताएं बरती गई है। सभी स्कूलो एवं ऑगनवाडी भवनो में पानी की टंकी और टोंटी, प्लेटफार्म बनाये गये है। उपरोक्त कार्यो की जांच कराने का कष्ट करें। जल संसाधन विभाग के 97 जलाशयों से 31 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित किये जाने का झूठा दावा किया जा रहा है। किसानों के हित में नहरो से पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने का कष्ट करें। बताया ग़या की जिला प्राकृतिक संसाधनो से भरपूर है। हम सभी प्रकृति पुत्र है हमारी प्रकृति माँ है लेकिन जिले के जंगलो की बेतहाशा कटाई की जा रही है। वनो की कटाई पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का कष्ट करें। वनों में निवासरत सभी परिवारों को अनिवार्य रूप से वन अधिकार पत्र (पट्टा) प्रदान किया जायें। आदिवासी बाहुल्य जिला डिण्डौ री में आदिवासी किसानो को भूमिहीन करने का काम विधायक व पूर्व विधायकों व रसूखदारों के द्वारा किया जा रहा है। गरीब भूमिहीन होकर परिवार के साथ पलायन करने मजबूर किया जा रहा है। आदिवासीयों की जमीनों को बहुत ही कम दामों में खरीदकर आर्थिक नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है। अन्य जिला व प्रदेश से आकर कुछ लोग भूमि खरीदी का कार्य कर रहें है इसकी जांच कराने की मांग की गई है ।

शिक्षा के क्षेत्र में हमारा जिला बहुत ही ज्यादा पिछड गया है। जिले में 500 से अधिक प्राथमिक व स्कूल भवन बेहद ही जर्जर है। नवीन भवन स्वीकृत किये जावें। स्कूल भवन हॉस्टल भवन की मरम्मत के नाम पर करोडो रूपए का भ्रष्टा्चार किया गया। छात्रों के मिलने वाली छात्रवृत्ति में 2018-19 से लेकर वर्ष 2021-22 तक भारी भ्रष्टाचार किया गया है। छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि को कोरोना काल में वितरित नहीं किया गया और शासकीय कर्मचारी व सप्लायरों के नाम से राशि का वितरण कर करोडो रूपए का नुकसान छात्र-छात्राओं को पहुंचाया गया है। स्मार्ट क्लास घोटाले के नाम पर खरीदी गई सामग्रियों में भारी भरकम भ्रष्टाचार किया गया है,इनके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जावें। वर्तमान समय में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा स्कूलों में अमानक स्तर की एलसीडी टीव्हीे कम्यूटर सेट और टेबिल कुर्सी प्रदाय की गई है जिसकी जांच कराई जावें। जिले में स्वास्थ सुविधाएं पूरी तरह से लचर है। साधारण बीमारी का इलाज भी उचित तरीकों से नहीं किया जाता है। मरीजों और परिवार को आर्थिक एवं मानसिक समस्यााओं का सामना करना पडता हे। जिला चिकित्सालय में महिलाओं को इलाज कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पडता है। महिला डॉक्टर के द्वारा डिलेवरी ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है। चिकित्साको की कमी से संपूर्ण जिला परेशान है। निर्वाचित जन प्रतिनिधि व प्रदेश सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार से ध्याान नही दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा गई है। उचित व्यावस्था कराने की मांग की गई है। जिले में बेरोजगारी ने बहुत तेजी से पैर पसार रखा है। बेरोजगारों को रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशो में परिवार के साथ जाना पडता है। जिस कारण मानसिक उत्पीडन का भी सामना करना पडता है। हमारे जिले में प्राकृतिक साधन संसाधन पर्याप्त मात्रा में है।

लेकिन उनके उपयोग नहीं होने से स्थानीय तौर पर रोजगार व स्वरोजगर उपलब्ध नहीं हो पाता है। जिले में लकडी उघोग, बीडी पत्ती उघोग, दोना पत्तल उघोग व बॉक्सााईट उत्खनन के कार्य प्रारंभ हो जावें तो जिले से बेरोजगारी और पलायन की समस्या कम हो जावेंगी। जिले का किसान शासकीय योजनाओं से वंचित है। किसान व कृषि कल्याण विभाग के द्वारा खाद बीज वितरण में भारी धांधली की जा रही है। करोडो रूपए का भ्रष्टाचार किसान व कृषि कल्यांण विभाग में कृषकों को अनुदान पर बीज वितरण योजना में किया गया है। इसके साथ ही किसानों को समय पर खाद एवं उपकरण नही उपलब्ध होते है। जिस कारण से हमारे जिले का किसान खेती-किसानी में पीछे हो रहा है। सिंचाई के लिए जलाशय, बांध होने के बावजूद कृषकों को सिंचाई के लिए पानी प्रदाय नही किया जा रहा है। किसानो को फसल उगाने में भी दिक्कंत होती है। प्राकृतिक नुकसान होने पर प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा भी नही मिलता है। किसानों को ओला पाला अतिवृष्टि से पीडित फसलो का पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने की मांग की गई है। जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां पर बिठलदेह मध्यम सिंचाई परियोजना, शिवरी नदी मध्यम सिंचाई परियोजना, शोभापुर बांध अपर नर्मदा सिंचाई परियोजना खरमेर अण्ड्ई बांध मध्यम सिंचाई परियोजना और राघोपुर मरवारी बांध विघुत परियोजना के निर्माण कार्य बगैर ग्राम पंचायत पेसा समिति के होने वाले है। इन सभी बांध परियोजनाओं का तत्काल निरस्त करने की कृपा करें।

जिले में कानून व्यवस्था के नाम पर आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। पुलिस के संरक्षण में अवैध रेत निकासी, अवैध शराब बिक्री सहित अन्य गैर कानूनी गतिविधियां संचालित हो रही है। शराब माफिया के ईशारे पर आदिवासियों पर आबकारी एक्ट के झूठे मुकदमें बनाये जा रहें है। जबकि आदिवासियों को लगभग 5 लीटर कच्ची शराब निर्माण व संग्रहण का अधिकार प्राप्त है। जिले में वाहन चैकिंग के नाम पर भी जनता को बेवजह परेशान किया जाता है। उपरोक्त विषयों पर उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है । जिले की जनता को गेंहू, केरोसीन, शक्कर वितरण योजना पुन: प्रारंभ कराने और प्रति व्यक्ति 10 कि.ग्रा. राशन वितरण करवाया जावें। बैगा महिलाओं का पिछले 07 माह से पोषण आहार की राशि रू. 1000/- प्रतिमाह प्रदाय नहीं की जा रही है। इस समस्या का तत्काल सुधार किया जावें। जिले में गरीब वर्ग के लोगो को नवीन राशन कार्ड उपलब्ध नहीं हो रहें है। कृपा कर सभी वर्ग के लोगो को राशन पात्रता पर्ची का लाभ दिया जावें।