डिंडौरी मध्यप्रदेश

श्री अन्न की पौष्टिकता एवं महत्व को लेकर आयोजित होगा कार्यक्रम : नंदा भलावे

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– कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्रीमति नंदा भलावे ने ली प्रेसवार्ता

– 19 मार्च को कलेक्ट्रेट परिसर डिंडौरी के खेल मैदान में आयोजित होगा कार्यक्रम

डिंडौरी। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रेसवार्ता आयोजित की गई। आयोजित प्रेसवार्ता में नवागत जिला पंचायत सीईओ श्रीमति नंदा भलावे ने उपस्थित पत्रकारों से परिचय प्राप्त की। जिला पंचायत सीईओ श्रीमति नंदा भलावे ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कोदो – कुटकी जैसे श्री अन्न की पौष्टिकता एवं महत्व को सभी के मध्य दर्शाने एवं प्रोत्साहन हेतु 19 मार्च 2023 रविवार को कलेक्ट्रेट परिसर डिंडौरी में जिला प्रशासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास तथा प्रदान के सहयोग से श्री अन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि श्री अन्न की व्यंजनों और विविधता से परिपूर्ण श्रीभोग के व्यंजनों को कार्यक्रम में अतिथियों को अनुभव करवाने की अनूठी पहल किए जाने का प्रयास है। इस दौरान जनसंपर्क अधिकारी कमल किशोर मेरावी,आशीष शुक्ला,नीरज श्रीवास्तव, पीयूष,गणेश मरावी, प्रकाश मिश्रा,मेराज खान, सुशील ठाकुर, रवींद्र बेलिया एवं अन्य लोग उपस्थित रहै।

 

 

 

 

जिला सीईओ श्रीमति नंदा भलावे के कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा श्री अन्न को प्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने हेतु सतत् रूप से जागरूकता अभियान एवं मिलेट संबंधित भ्रमण एवं प्रशिक्षण, जैविक उत्पादन, पंजीयन एवं प्रमाणीकरण के क्षेत्र में कार्ययोजना निर्धारण कर विविधता में एकरूपता के क्षेत्र में कार्ययोजना निर्धारण प्रोत्साहन किए जाने के प्रयास किए जा रहे है। बजट निर्धारण 2023 में भी श्री अन्न को विशेष महत्व देते हुए श्री अन्न में नई तकनीक उत्पादन, अनुसंधान एवं विपणन हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। माँ नर्मदा जी के तट पर स्थित जिला डिंडौरी की मुख्य पहचान माँ नर्मदा एवं प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ श्री अन्न उत्पादन के लिए क्षेत्र एवं भूमि अनुकूलित की उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि कम उपजाऊ भूमि एवं वर्षा आधारित कृषि में आसानी से उपजा सकने वाले श्री अन्न जैसे कोदो कुटकी हमारे जिले के कृषकों की खाद्य आपूर्ति तथा आय के मुख्य स्त्रोत के रूप में अनोखी बात के रूप में परिचय करवाती है। लघु धान्य फसलों में मुख्य रूप से कोदो कुटकी की फसल जिले में ली जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में श्री अन्न के उत्पादन एवं उपभोग के संदर्भ में काफी रूझान दिया गया है, जिसका मुख्य कारण इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व मात्रा, विविध पर्यावरण अनुकूलता, फसल का टिकाऊपन कम लागत में उत्पादन आदि है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय लघु धान्य वर्ष 2023 के परिप्रेक्ष्य में हमारे पास एक ऐसा सुनहरा अवसर है, जिसमें लघु धान्य फसलों के क्षेत्र विस्तार, उत्पादन वृद्धि, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, रोजगार सृजन एवं वित पोषण को प्रोत्साहन एवं विकास को सुनिश्चित कर सकते हैं। जिला पंचायत सीईओ श्रीमति नंदा भलावे ने कहा कि श्री भोज स्वयं में ही काफी अनोखा भोज होगा जो कि श्री अन्न को भोजन में सम्मानित एवं प्राथमिक प्रदान करने अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। श्रीभोज व्यंजन में विविधता, विशिष्ट अतिथियों का आगमन, उपयोग किए जाने वाले बर्तन, स्व-सहायता महिला समूहों का जुड़ाव, महिला कृषकों की महत्वपूर्ण भूमिका आदि संयुक्त रूप से श्री भोज को प्रासंगिक बनाते हैं।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 तथा आजादी के अमृत महोत्सव 75 वर्ष पूर्ण होने के रूप में जिला प्रशासन में पूर्व पदस्थ वृद्ध पेंशनरों के 23 जोड़े अतिथियों का मुख्य अतिथियों के रूप में स्वागत, कृषि महत्व को प्रोत्साहन देती हुई महिला किसानों का आगमन, स्वतंत्रता सेनानी, बैगा समाज प्रतिनिधि पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे, किन्नर समाज प्रमुख शबनम दीदी, वृद्धाश्रम संचालिका श्रीमति नेकीबाई ,बीज बैंक संरक्षक केशवदास, पीताम्बर ,महिला कृषक फुलझरिया बाई ,जल-जंगल-जमीन बचाओ अभियान प्रमुख उजियारों बाई, पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक मिलेट विशेषज्ञ डॉ. ओ.पी. दुबे पी.डब्ल्यू.डी. खनसामा और विभिन्न संस्थाओं से जुड़े स्थानीय वेंडरों के सम्मान में श्री भोज आयोजन किया जा रहा है।

 

 

 

 

श्रीमति भलावे ने कहा कि जी-20 के मंत्र एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य वसुधैव कुटुंबकम का अनुसरण करते हुये श्री भोज को पूर्णतयः ऑरगेनिक बनाने की अनूठी कोशिश की गई है। श्री अन्नों से बने व्यंजनों को खाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले सभी बर्तन गन्ने के व्यर्थ पदार्थों से बनाए गए हैं। व्यंजनों में कुटकी से बनी हुई पूरियाँ, कचैरिया, लाजवाब पकौड़े, श्री पुलाव व श्रीभोग कुटकी खीर सम्मिलित हैं। इन व्यंजनों की तैयारी में गांव की महिला कृषक शामिल होंगी जो इन व्यंजन विधि का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।