डिंडौरी। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी की 386वीं जयंती समारोह का आयोजन राठौर समाज के लोगो के द्वारा ब्लॉक मुख्यालय किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ वीर शिरोमणि दुर्गा दास जी के प्रतिमा की पूजा अर्चना कर किया गया, मंगल भवन राइस मिल से विशाल रैली निकाली गईं,जो समनापुर में मुख्य मार्ग से होते हुए सुंदरपुर तक एवं फारेस्ट ऑफिस से वापस मंगल भवन पहुँची, इस दौरान रैली में सैकड़ों की संख्या में राठौर समाज के लोग शामिल हुए।
मंगल भवन में सभा आयोजित कर वीर शिरोमणि दुर्गा दास जी के जीवन परिचय एवं मुगलो के साथ हुए संघर्ष के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, कार्यक्रम के अध्यक्ष कृष्णा सिंह परमार ने कहा की दुर्गा दास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718) को 17वीं सदी में जसवंत सिंह के निधन के पश्चात् मारवाड़ में राठौड़ वंश को बनाये रखने का श्रेय जाता है। यह करने के लिए उन्होंने मुग़ल शासक औरंगज़ेब को चुनौती दी। राजा जसवंत सिंह के मरणोपरांत मारवाड़ जोधपुर रियासत को औरगजेब हड़पना चाहता था, लेकिन दुर्गा दास के वीरता के आगे मुगल परास्त हुए , मुख्य अतिथि ओमकार सिंह चंदेल एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर सरवन ठाकुर, रघुनाथ राजपूत, जय सिंह राजपूत, कुबेर ठाकुर, हेमसिंह राजपूत मौजूद रहें।
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कार्यक्रम को सफल बनाने में सरवन गौतम, भारत सिंह राजपूत, विष्णु राजपूत, भोलेराम राजपूत,वीरेंद्र ठाकुर, संतोष चंदेल, हरिहर पाराशर, राजेश पाराशर, दशरथ राठौर, दिगंबर राजपूत, गणेश राजपूत, मनोज चंदेल, इंद्रकुमार चंदेल, चेतराम राजपूत, सरजू ठाकुर, गामु परमार, रामु ठाकुर, कैलाश ठाकुर, रोहित ठाकुर, गुड्डू ठाकुर, समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की सराहनीय भूमिका रही हैं।