डिंडौरी। मीडिया सेल प्रभारी अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि, थाना मेंहदवानी के अप0क्र0 127/2023 एवं सत्र प्र0क्र0 73/2023 के ’आरोपी दयाराम धुर्वे पिता समारू धुर्वे उम्र 41 वर्ष निवासी ग्राम बगाही टोला थाना मेंहदवानी जिला डिण्डौरी’ द्वारा लकड़ी के पीढ़ा से अपने ससुर को मारकर हत्या करने के मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डिण्डौरी द्वारा आरोपी को धारा 304 भाग एक भादवि के लिए 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 500/- रू. के अर्थदण्ड एवं धारा 323 भादवि के अपराध के लिए 01 वर्ष कठोर कारावास से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं किए जाने पर आरोपी को 03 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया ।
यह है मामला
फरियादी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरी लड़की की शादी बगाही टोला मेंहदवानी के दयाराम धुर्वे के साथ हुई है । मेरी लड़की एवं दामाद दयाराम धुर्वे दोनों बगाही टोला से आये और दामाद वही परछी में मेरे पति के साथ बैठ गया उसी समय मेरा भाई भी आकर वही परछी में उनके साथ बैठ गया था। लड़की अंदर कोठा में थी कि अचानक से दामाद दयाराम लड़की से कोठा के अंदर जाकर मोबाईल की बात को लेकर विवाद कर उसको मारने पीटने लगा तभी पति ने दामाद दयाराम से बोला कि झगड़ा मत करो तो वह फिर परछी में आकर परछी मे रखे बैठने के पीढा को ऊठाकर मेरे पति को बाँये तरफ कान के नीचे मार दिया जिससे वह वही परछी में गिर गया फिर पीढ़ा से उसके छाती पैर में मारा और छाती में लात घूसों से मारपीट करने लगा तभी मेरे भाई ने बोला छोड़ उसे क्यों मारता है तो वह बांस की लाठी ऊठाकर मेरे भाई को भी सिर में मारा है । मैने दामाद को डांटा क्यों मारपीट करता है तो मुझे हाथ झापड़ लात से मारा है, दयाराम द्वारा पति को पीढ़ा से मारने एवं लात घूसा से मारने के कारण बाँये तरफ कान के पास एवं दाहिने पैर में चोट लगी है । तथा लात घूसे से छाती में मारने से अंदरुनी चोट लगी जिससे वह खत्म हो गया है । तथा भाई के सिर में भी बाँये तरफ बांस की लाठी से मारने से चोट लगकर खून निकला है तथा दाहिने कंधे पर भी चोट लगी है । दयाराम द्वारा मेरे पति को पीढ़ा तथा लात घूसों से मारकर उसकी हत्या की गयी है , रिर्पोट पर अपराध धारा 302,323 ताहि0 का कायम कर विवेचना मे लिया गया। विवेचना में संकलित साक्ष्य के आधार पर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । तदुपरांत अभियोजन के साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डिण्डौरी द्वारा 10 वर्ष कठोर कारावास एवं 500 रू अर्थदण्ड दण्ड से दण्डित किया गया ।