बीस साल से नहीं है साइंस के शिक्षक –
प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में विभाग ने इतने बड़े स्कूल के प्रबंधन की व्यवस्था प्रभारी प्राचार्य के भरोसे सौंप रखा है यहां मिडिल में एक शिक्षक हायर व हाई स्कूल में तीन आर्टस और एक साइंस की शिक्षिका हैं जबकि छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए विषयवार प्रशिक्षित शिक्षक प्राचार्य,व बाबू लैब, असिस्टेंट, पीटीआई के लिए शासन से लगभग 25 पद स्वीकृत हैं ऐसे में यह सवाल आता हैं कि आखिर किस मंशा से यहां रिक्त पदों पर अभी तक भर्ती नहीं किया गया क्या यहां के प्रभारी प्राचार्य ने नियमित और विषयवार शिक्षकों की पूर्ति के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया और यदि कराया गया तो फिर किस की लापरवाही से अभी तक पद खाली पड़े हैं चिंतन का विषय हैं कि लंबे समय से सरकारी स्कूल में जीव विज्ञान रसायन शास्त्र,साइंस गणित अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं है लैब का जानकार नहीं हैं तो यहां के बच्चों को साइंस की पढ़ाई और प्रेक्टिकल से संबंधित जानकारी कौन और कैसे प्रदान कर रहा है बच्चे साइंस विषय के कैसे जानकार बनेंगे यह बेहद हास्यास्पद है लिहाजा मजे की बात तो यह है कि इन विषयों के बच्चे प्रतिवर्ष पास भी हो रहें हैं।बहरहाल वर्षों से प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी से जूझ रहे इस स्कूल की पढ़ाई और विघार्थियों की बौद्धिक क्षमता के विकास का आंकलन सहज किया जा सकता हैं यघपि इन पदों पर लंबे समय से भर्ती न कर कामचलाऊ पद्धति से काम कराना संदेह प्रकट करता हैं ।
प्रशासन से मांग –
स्कूल के मौजूदा हालात को लेकर अभिभावक एक ओर जहां अपने बच्चों के भविष्य को लेकर तथा शिक्षाध्ययन के लिए चिंता ग्रस्त हैं तो दूसरी ओर विभाग और जवाबदारों की उदासीनता से नाराज हैं इनका कहना है कि सरकार सरकारी स्कूलों की दिशा दशा सुधारने लगातार प्रयास कर रहा है अरबों रुपए के बजट के साथ तमाम संसाधन उपलब्ध है बावजूद इसके स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं है। यहां के स्कूल के जो शिक्षक हैं उन्हें विघाध्ययन करवाने राजनीति में ज्यादा ध्यान लगाते हैं इस कारण से यहां के स्कूल विनाश के अंतिम छोर पर पहुंच चुका हैं इसलिए हम सभी अभिभावक गण जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि यहां सभी रिक्त पदों पर अविलंब प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति कर बेहतर शिक्षा का माहौल बनवाएं ताकि यह स्कूल अपने पुराने गरिमा को प्राप्त कर सकें।
इनका कहना हैं,,,
हालांकि यह पहले से मेरे जानकारी में हैं हम प्रयासरत हैं यह कस्बा के सरकारी स्कूल की सबसे गंभीर समस्या है शिक्षकों की कमी की पूर्ति के लिए हमने माननीय जिला कलेक्टर एवं एसी महोदय से मिलकर मांग किया है आश्वासन मिला है कि गोरखपुर के सरकारी स्कूल में शीघ्र ही शिक्षकों की व्यवस्था करवाएंगे।
सांसद प्रतिनिधि भुवनेश्वर हस्तपुरिया गोरखपुर
कस्बा के स्कूल में विषयवार एवं प्रशिक्षित शिक्षकों की लंबे समय से हैं विभाग को ध्यान देना चाहिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो।
मिथलेश दुबे,प्रतिष्ठित व्यवसाई समाजिक चिंतक व समाजसेवी गोरखपुर
शिक्षकों की कमी के बारे में विभाग को जानकारी भेज देते हैं अतिथि शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई करवाते हैं।
मोल सिंह धुर्वे,प्रभारी प्राचार्य गोरखपुर हाई स्कूल