डिंडौरी । जिले में रेत के अवैध कारोबार को नियंत्रित करने खनिज विभाग द्वारा पुरजोर प्रयास तो किया जाता है,किंतु आज तलक रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगाया जा सका। नतीजतन रेत के अवैध कारोबार में लिप्त माफिया आज भी बेखौफ हो रेत के अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। और हाल ही में खनिज विभाग द्वारा अवैध कारोबार में लिप्त ट्रैक्टरों पर की गई कार्यवाही भी कुछ यही कहती है। ऐसे में अचानक कोई जिले में रेत का ठेका देख रहे कारोबारी को कटघरे में ले – ले तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जी हां देर – सबेर ही सही आखिर बसपा अध्यक्ष असगर सिद्धिकी ने कलेक्टर डिंडोरी को पत्राचार कर रेत कारोबारी द्वारा जिले में किए गए रेत भंडारण को लेकर शासन हित में भौतिक सत्यापन किए जाने की मांग की है। ऐसे में देखना दिलचप्स होगा की आखिर कब तलक रेत भंडारण का भौतिक सत्यापन होगा।
– संदेह के दायरे में भंडारण
बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष ने बाकायदा इस बात का उल्लेख किया है कि मेसर्स गुरमीत सिंह बेदी (रेत कारोबारी ) के नाम से स्वीकृत जिले के अमरपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम अंधियारखोह के खसरा नंबर 29 , रकबा 1.240 हेक्टेयर एवं शहपुरा तहसील अंतर्गत ग्राम कठौतिया के खसरा नंबर 129,रकबा 2.00 हेक्टेयर में दिनेश सहगल नामक व्यक्ति के नाम से दिनांक 08/10/2026 की अवधि के लिए भंडारण स्वीकृत किया गया है। लेकिन देखने और सुनने में आ रहा है की रेत कारोबारी द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा भंडारण स्थल से रेत के अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है ,और पूर्व की ही तर्ज पर अधिकांश वाहन बगैर रॉयल्टी के यहां से वहां रेत की आसान पहुंच उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसी स्थिति में कारोबार को नियंत्रित करने दोनो ही भंडारण स्थलों का भौतिक सत्यापन किया जाए। इसके अलावा ठेकेदार द्वारा दोनो ही भंडारण स्थलों से जारी की गई या की जा रही रॉयल्टी का चेक किया जाना भी अनिवार्य है।

– लग चुके हैं गंभीर आरोप
बता दें की रेत कारोबारी के गुर्गों पर रेत के अवैध कारोबार को बढ़ावा देने जैसे आरोप पहले भी अखबारी सुर्खियों में आ चुके है। और बीते दो माह पहले थाना कोतवाली में खड़े किए गए चार डंपर ,जो की ओवरलोड तो थे ही साथ ही रॉयल्टी भी नही थी। पूछताछ में सामने आया था की उक्त रेत कमको मोहनिया खदान से जिला मुख्यालय पहुंची थी। इसके अलावा ऐसे वाहन भी सामने आए जो शहर से 500 और छः सौ किलोमीटर दूर है , वहां की रॉयल्टी जारी की गई थी।ताकि एक ही रॉयल्टी में दो से तीन राउंड का खेला किया जा सके।लिहाजा भौतिक सत्यापन की बागडोर संभालने वाले अधिकारियों को अब तलक जारी की गई रॉयल्टी की भी पड़ताल करनी चाहिए,ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।क्यों की सूत्र बता रहे है की रेत कारोबारी के गुर्गों ने मशीनों का बेजा प्रयोग कर मंडला क्षेत्र में प्रवेश कर भी बड़ी तादाद में अवैध उत्खनन कर रेत का भंडारण किया है।