– अपर मुख्य सचिव के निर्देशो के विपरीत तय की गई जवाबदेही,रोजगार सहायक की सेवा समाप्त कर मामलें को किया दफन
रोजगार गाॅरटी योजना के किृयान्यन हेतु ग्राम पंचायत से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों की पदस्थापना करते हुए जवाबदेही तय हैं,मनरेगा के तहत पंचायतों रोजगार सहायकों एवं जनपद में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी,लेखाधिकारी एवं जिला पंचायत में परियोजना अधिकारी की तैनाती की गई हैं,योजना की प्रभावी किृयान्वयन हेतु कलेक्टर को जिला कार्यक्रम समन्यवयक एवं सीईओ जनपद पंचायत को ब्लाॅक कार्यक्रम अधिकारी बनाया गया हैं, मनरेगा एक्ट में अधिकारियों की जवाबदेही तय है लेकिन योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा एवं सरकारी राशि गबन के मामलें प्रमाणित होने के बाद निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए मामलों को दफनाया जा रहा हैं,जबकी अन्य वरिष्ठ जवाबदेह अधिकारियों को अभयदान दिया गया हैं।
मध्यभूमि के बोल,संवाददाता
डिंडौरी। मेंहदवानी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मनेरी में मनरेगा योजना अंतर्गत पिछले पंचवर्षीय में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में विकास कार्यो के नाम पर जिले में सबसे अधिक वित्तीय उपलब्धि हासिल करने पर ग्राम पंचायत मनेरी को बेस्ट पंचायत सम्मान से सम्मानित किया गया था,लेकिन जब पंचायत में हुए घपले घोटालों की षिकायतें हुई तो जाॅच में चैकाने वाले तथ्य उजागर हुए। ग्रामीणों की शिकायत की जाॅच अनुविभागीय अधिकार शहपुरा द्वारा की गई जिसमें बडे़ पैमाने पर फर्जीवाड़ा,आॅनलाईन जालसाजी करते हुए करोड़ो रू. गबन किए जाने का मामला उजागर हुआ हैं। ग्राम पंचायत मनेरी में लगभग 800 परिवार दर्ज हैं, जिसमें फिलहाल 944 जाॅबकार्ड सक्रिय हैं, तत्तकालीन रोजगार सहायक प्रताप सिंह मरावी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 364, वर्ष 2020-21 में 389 एवं 2021-22 में 120 तथा 2022- 23 में 190 मजदूरों के फर्जी जाॅबकार्ड बनाकर 5 वर्षो में कुल 765 जाॅबकार्डो के माध्यम मजदूरो के नाम पर करोड़ो रू. मस्टर के जरिये भुगतान करते हुए शासन को चपत लगाया गया हैं, सूत्रों की माने तो एक ही व्यक्तियों के नाम पर 4 से 5 पाॅच व नाबालिगों के नाम पर कई कई जाॅबकार्ड बनाकर बंदरबाट का षडयंत्र रचा गया हैं, मनरेगा में संगठित लूट के इस खेल में रो जगार सहायक तो मोहरा बताया जा रहा है,जबकि इस मामलें में जनपद एवं जिला स्तर के मनरेगा अधिकारियों ने हिस्सेदारी निभाते हुए गडबड़ी करने वालों को लगातार अभयदान दें रहैं।

प्राप्त जानकारों की माने तो रोजगार सहायक एवं सक्रिय गिरोह के द्वारा अपने लोगों के बड़े पैमाने पर मस्टर जारी कर भुगतान कराया जाता था ,100 दिवस पूर्ण होने पर उसी उन्ही के नाम पर कई कई फर्जी जाॅबकार्ड बनाकर वर्षो तक धाॅधली किया गया हैं,सैकड़ों के तदात पर मजदूरों के फर्जी जाॅबकार्ड बनाये जाने एवं डिलीट किए जाने के बाद भी निगरानी अमला के द्वारा कार्यवाही न करना कई तरह के सवाल खडे़े कर रहा हैं, वही रोजगार सहायक के द्वारा मनरेगा पोर्टल में जाॅबकार्डो में अन्य बेनाम लोगों का आधार कार्ड फीड किया गया है,जबसे आधार कार्ड बेस पर मजदूरी भुगतान शुरू हुई है,तब से काम तो मजदूर करते है लेकिन उन्है मजदूरी का भुगतान नही मिल रहा हैं जिससे गाॅव में पलायन की स्थिति निर्मित हो रही हैं,उक्त समस्या को लेकर नव निर्वाचित सरपंच संगीता मरावी जनपद से लेकर जिला पंचायत तथा कलेक्टर कार्यालय की चक्कर काटने पर मजबूर हैं। वही मनरेगा में बडे़ पैमाने पर धाॅधली उजागर होने के कारण माॅनीटरिंग करने वाले तमाम जवाबदेह अधिकारियों के कार्यशैली प्रश्न चिन्ह लग रहा हैं।

शौचालय,जाॅबकार्ड,प्रधानमंत्री आवास समेत निर्माण कार्यो में करोड़ो रू. का बंदरबाट
ग्राम पंचायत मनेरी में सिर्फ जाॅबकार्ड बस में खेल नही है,बल्कि शौचालय निर्माण, पीएम आवास निर्माण समेत अन्य निर्माण कार्यो में व्याप्क फर्जीवाड़ा करते हुए शासन को करोड़ो रू. का पलीता लगाया गया हैं, यह हम नही बल्कि कलेक्टर डिंडौरी विकास मिश्रा द्वारा 15 जून 2023 को रोजगार सहायक प्रताप सिंह मरावी के सेवा समाप्ति आदेष में दर्ज हैं। फर्जी जाॅबकार्ड से लेकर शौचालय निर्माण में अनियममितता तथा आवासों के फर्जी जियो टैंगिग समेत निर्माण कार्यो में फर्जीवाडा प्रामणित होने के चलते रोजगार सहायक के विरूध्द सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई हैं, वही अब प्रशासनिक कार्रवाई पर ग्रामीण सवाल उठाते हुए कह रहै है पाॅच वर्षो में 765 फर्जी जाॅबकार्डो से निकाली गई राशि, 50 शौचालय निर्माण की राशि, समेत अन्य निर्माण कार्यो को कागजों में संपादित कराते हुए करोड़ो रू.का खेल किया गया हैं,कार्रवाई के नाम पर सिर्फ रोजगार सहायक की सेवा समाप्त की गई हैं,जबकी शासन की करोड़ो रू.राशि वसूलने कोई पहल नही की जा रही हैं,

बडे़ पैमाने पर आॅनलाईन फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद के भी अपराधिक प्रकरण दर्ज नही कराये जाने से ग्रामीणों में असंतोष व्याप्त हैं, मनरेगा में धाॅधली और संगठित लूट का डिंडौरी जिले में यह बड़ा मामला हैं, जिसमें मेट लेकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्तर तक के अधिकारियों जिम्मेंदारी तय किया जाना चाहिए था लेकिन प्रशासन जिम्मेदारों पर मेंहरबान नजर आ रहा हैं..?