
डिंडौरी । जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में नाली निर्माण कार्य से अंसतुष्ट कस्बावासियों ने संबंधित ठेकेदार पर मनमानी और घटिया सामग्री का उपयोग करते हुए कार्य कराने का आरोप लगाते हुए नये सिरे से नाली बनाने की मांग कर रहें हैं इनका कहना है कि ठेकेदार नियम विरुद्ध अकुशल मजदूरों से रात के अंधेरे में मोबाइल टार्च की रौशनी से ढलाई करवा रहा है इतना ही नहीं पहले तो मापदंडों का ध्यान नहीं रखते हुए कार्य किया गया अब उन ऐबों को छुपाने के लिए मुरुम डालकर ढंक दिया गया परिणामस्वरूप अभी से नाली की दीवार फट रहीं हैं स्लेब टूट गये इनमें जगह जगह दरारें उभर आई है जबकि कुछ स्थानों पर ऊपरी सतह में गड्ढे हो गए हैं, यघपि मिट्टी युक्त रेत से बन रहें नाली निर्माण पूरा होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो रहा हैं वहीं घटिया निर्माण के चलते नाली की दीवार अभी से कमजोर है लिहाजा इस प्रकार से हो रहें निर्माण कार्य कितने दिनों तक टिकेगा सहज अंदाजा लगाया जा सकता है बहरहाल यहां के लोगों ने जिला कलेक्टर से मांग किया है कि सर्व प्रथम गुणवत्ता पूर्वक काम हो यह सुनिश्चित कर इस मामले में टीम गठित कर काम की निष्पक्ष जांच करवाई जाएं
मोबाइल टार्च की रौशनी में ढलाई
कस्बा के अंदर जल्दबाजी में बन रही नाली निर्माण में ठेकेदार अकुशल मजदूरों से मनमानी ढंग से देर रात तक काम करवाते हुए बेखौफ मोबाइल टार्च की रौशनी में ढलाई करवा रहा है बिना तकनीकी अमला के रात के अंधेरे में बन रहे नाली कितना मजबूत बन पाएगा सोचनीय है बहरहाल न तो इनकी मनमानी पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज कराया और न ही कोई रोकने टोकने वाला है परिणामस्वरूप जैसा चाहो वैसा बनाओ मेरी मर्जी के तर्ज पर नाली का निर्माण चल रहा हैं।
तकनीकी अमला पर भी उठ रहे सवाल –
इस निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय लोगों ने तकनीकी अमला की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया हैं नागरिकों का कहना है कि सभी सरकारी निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण हो, इसके लिए सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर तकनीकी अमला इंजीनियर की जिम्मेदारी होती है जो निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर निगरानी करता है, लेकिन इस नाली निर्माण में अमले ने किस तरह कार्य की निगरानी कर ठेकेदार के काम को बढ़िया बताया है समझ से परे है जबकि कोई अनपढ़ व्यक्ति भी इस काम की प्रशंसा नहीं करेगा ।