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संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट 

डिंडौरी न्यूज। जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार से शुरू हुई, जो बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही। ...

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Chetram Rajpoot

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Chetram Rajpoot

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डिंडौरी न्यूज। जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार से शुरू हुई, जो बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, इकाई डिंडोरी के बैनर तले सैकड़ों संविदा कर्मी सरकार से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर डटे हुए हैं। उनकी प्रमुख मांगों में संविदा नीति 2023 को तत्काल लागू करना, नियमितीकरण, सेवा सुविधाओं की बहाली एवं विभागीय रिक्तियों में 50 प्रतिशत पदों पर संविदा से संविलियन शामिल हैं।
हड़ताल का उद्देश्य और प्रतीकात्मक शुरुआत
हड़ताल के पहले दिन कर्मचारियों ने माँ नर्मदा के दर्शन एवं पूजन के बाद संकट मोचन हनुमान जी को ज्ञापन अर्पित कर अपनी हड़ताल की शुरुआत की। इसके साथ ही कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम व्यक्तिगत पत्र लिखकर अपनी मांगें रखीं। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार सकारात्मक निर्णय नहीं लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
– प्रमुख मांगें
1. संविदा नीति 2023 को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
2. संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
3. विभाग में रिक्त पदों में से 50 प्रतिशत पदों पर संविदा कर्मियों का संविलियन हो।
4. ईएल और मेडिकल सुविधा को पुनः बहाल किया जाए।
5. अनुबंध प्रणाली को समाप्त किया जाए।
6. अप्रेजल प्रणाली को बंद किया जाए।
7. सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।
8. एनपीएस, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य बीमा, डीए की सुविधा लागू की जाए।
9. वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।
10. निष्कासित कर्मचारियों को एनएचएम में पुनः शामिल किया जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
हड़ताल का प्रभाव जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ना शुरू हो गया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य केंद्र पहले से ही सीमित संसाधनों पर निर्भर हैं, वहां सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। ग्रामीणों को समय पर इलाज न मिलने की आशंका है जिससे जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
 आंदोलन का नेतृत्व संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश उरैती द्वारा किया जा रहा है। उनके साथ राजेश मरावी, संतोष बर्मन, दिलीप कच्छवाहा, जफ़र खान, आनंद मोहरे, अभिषेक मिश्र, अनुराग चौक, किरण मेहरा, दिगंबर बिलागर समेत जिले के सभी संविदा CHO, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट आदि बड़ी संख्या में शामिल हैं।
सरकार की चुप्पी बनी चिंता का विषय
संविदा कर्मियों का कहना है कि सरकार ने कई बार वादे किए, लेकिन अब तक नीति लागू नहीं की गई, जिससे उनमें आक्रोश व्याप्त है। अब देखना होगा कि शासन इस आंदोलन को कितनी गंभीरता से लेता है और कितनी जल्दी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर निर्णय लेता है।
RNVLive

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