Home / Dindori News : औने-पौने दामों में 750 एकड़ ज़मीन हड़पने का मामला गरमाया, गोंगपा ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग

Dindori News : औने-पौने दामों में 750 एकड़ ज़मीन हड़पने का मामला गरमाया, गोंगपा ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग

– बैगा आदिवासियों की जमीन हड़पने का मामला उजागर गोंगपा ने सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग डिंडौरी न्यूज । जिले के ...

Photo of author

Chetram Rajpoot

Post date

Chetram Rajpoot

Published on:

– बैगा आदिवासियों की जमीन हड़पने का मामला उजागर गोंगपा ने सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग

डिंडौरी न्यूज । जिले के बजाग विकासखंड अंतर्गत बैगा आदिवासी बहुल ग्राम पिपरिया माल में भू-माफियाओं द्वारा दलालों के माध्यम से जमीनें हड़पने का गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले की जांच कराए जाने की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोगपा) ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर कमलेश तेकाम के नेतृत्व में गोगपा कार्यकर्ताओं ने ग्राम का दौरा कर पीड़ितों से बातचीत की और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
ग्राम सभा में उठी आवाज, पंचायत ने खनन पर लगाई रोक
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिपरिया माल ग्राम में विशेष ग्राम सभा आयोजित कर ग्रामीणों ने दलालों के माध्यम से की जा रही जमीन खरीदी और प्रस्तावित बॉक्साइट खनन का विरोध किया। इस आमसभा में सर्वसम्मति से खनन पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही जमीनों की बिक्री में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी को लेकर तहसीलदार को शिकायत भी दी गई।
750 एकड़ जमीन औने-पौने दामों में हड़पने का आरोप
ग्रामवासियों का आरोप है कि दलालों ने मिलकर बाहरी जिलों के भू-माफियाओं को 750 एकड़ से अधिक जमीन औने-पौने दामों में बिकवा दी है। इनमें से कई रजिस्ट्रियों में मृतकों की जमीनें, शामिल खातों की संपत्तियां, बिना सहमति के हस्तांतरण जैसी अनियमितताएं शामिल हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर, अंगूठे और फोटो लगाए गए हैं। कई मामलों में तो जमीन का पैसा भी विक्रेताओं को नहीं मिला।
संदिग्ध खरीदारों की सूची, आर्थिक स्थिति की जांच की मांग
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि जिन बाहरी आदिवासी व्यक्तियों के नाम पर जमीन खरीदी गई है, उनकी आर्थिक स्थिति और बैंक खातों की जांच होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, कटनी निवासी रघुराज सिंह ने 148.95 हेक्टेयर, राकेश सिंह ने 32.34 हे., नत्थूलाल ने 70.72 हे. और प्रहलाद ने 34.41 हे. भूमि खरीदी है। जबकि ये लोग स्वयं छोटे किसान हैं, मनरेगा मजदूर हैं या पीएम आवास योजना के लाभार्थी हैं। इनकी इतनी बड़ी जमीन खरीदने की क्षमता संदेहास्पद है।
बैगा आदिवासियों के सामने रोजी-रोटी का संकट
ग्राम के बैगा आदिवासी परिवार अपनी कृषि भूमि और वन उपज पर आश्रित हैं। दलालों और माफियाओं द्वारा 80% से अधिक जमीनें हड़प लिए जाने से इनके समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। पारंपरिक जीवनशैली अपनाने वाले बैगा समुदाय के लोग पलायन नहीं करते, ऐसे में यह संकट उनके अस्तित्व पर खतरा बनकर खड़ा हो गया है।
– निष्पक्ष जांच और जमीनें वापस दिलाने की मांग
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि:
सभी संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जांच की जाए।
फर्जीवाड़े से की गई रजिस्ट्रीयां तत्काल रद्द की जाएं।
जमीन खरीदने वाले व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति और खातों की जांच हो।
पीड़ित बैगा आदिवासियों को उनकी जमीनें पुनः लौटाई जाएं।
खनन गतिविधियों पर स्थायी रोक लगाई जाए।
गोगपा का कहना है कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और न्याय की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेंगे। बैगा जनजाति के अधिकारों की रक्षा हेतु यह लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है।
RNVLive

Related Articles