– भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष दशरथ सिंह राठौर ने जिला प्रशासन से की उच्च स्तरीय जांच की मांग
डिंडौरी। जनपद पंचायत डिंडौरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत सरहरी में सड़क निर्माण और अमृत सरोवर योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष दशरथ सिंह राठौर ने पूरे प्रकरण की जिला स्तरीय उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि यदि समय रहते दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो शासन की योजनाओं की साख पर गहरा असर पड़ेगा।
पहले से बनी सड़क पर दोबारा निर्माण: 24 लाख की अनियमित स्वीकृति पर सवाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत सरसही के नाम पर वर्ष 2023-24 में सुन्दर संपर्क सड़क निर्माण हेतु 23.95 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी (ID: 1745002042/RC/22012034637609)। चौंकाने वाली बात यह है कि यह निर्माण कार्य सरसही में न होकर ग्राम पंचायत सिमरिया की सीमा में कराया जा रहा है, जहां वर्ष 2016-17 में ही 12 लाख रुपये की लागत से उसी मार्ग का निर्माण हो चुका है (ID: 1745002041/RC/22012043341834)।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि पूर्व में बनी सड़क पर दोबारा स्वीकृति लेकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। इस कथित घोटाले में वरिष्ठ डेटा मैनेजर प्रवीण गुप्ता, सहायक यंत्री विजेंद्र सरिवान , प्रभारी संदीप शुक्ला, तथा ग्राम पंचायत सरपंच-सचिव की मिलीभगत की बात कही जा रही है।
शासन की रोक के बाद भी कार्य जारी, मास्टर एंट्री कर कराया निर्माण
विशेष रूप से गंभीर यह है कि 1 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने उक्त निर्माण कार्य पर स्पष्ट रोक लगाई थी (पत्र क्रमांक 2258/MGNREGS-MP/NR-3/Tech./2024)। इसके बावजूद 8 जुलाई 2024 को जिला पंचायत के डेटा मैनेजर द्वारा मनरेगा पोर्टल पर कार्य की मास्टर एंट्री कर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया।
अमृत सरोवर योजना में भी भारी अनियमितता,आधा-अधूरा कार्य और पूरी राशि आहरित
इसी ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत लगभग 57 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य आधा-अधूरा रह गया और पूरी राशि निकाल ली गई। इसमें सरपंच मानिक लाल बनवासी, सचिव , तथा ठेकेदार और तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से राशि के दुरुपयोग की आशंका जताई गई है।
जनप्रतिनिधियों की मांग: जिला स्तरीय निष्पक्ष जांच हो
भाजपा नेता एवं उपसरपंच दशरथ सिंह राठौर ने शिकायत पत्र में बताया है कि पूर्व में आवेदन प्रस्तुत किया गया था लेकिन जांच शुरू नहीं हुई थी,कार्रवाई न होने पर जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच जनपद स्तर के अधिकारियों से न कराते हुए, जिला स्तर के स्वतंत्र जांच दल से कराई जाए। साथ ही दोषियों पर सुसंगत धाराओं में दण्डात्मक कार्रवाई करते हुए शासकीय धन की रिकवरी सुनिश्चित की जाए।