डिंडौरी। जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवासा में मनरेगा योजना के तहत बन रहे सामुदायिक खेत तालाब निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार देने की बजाय, मशीनों से काम कराया जा रहा है। इससे न केवल योजना की मूल भावना पर चोट पहुंची है, बल्कि ग्रामीणों का रोजगार भी छिनता जा रहा है।
ग्रामीण ने आरोप लगाया है कि सरपंच और पंचायत सचिव की मिलीभगत से नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। मनरेगा का मुख्य उद्देश्य गांव के बेरोजगारों को काम देना है, लेकिन पंचायत द्वारा मशीनों से कार्य कराकर मजदूरों को हाशिए पर धकेला जा रहा है।
– पंचायत सचिव का दावा झूठा?
पंचायत सचिव का कहना है कि मजदूर काम पर नहीं आते, लेकिन ग्रामीणों का साफ कहना है कि उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब मजदूरों को काम पर बुलाया ही नहीं गया, तो उनकी अनुपस्थिति का बहाना क्यों बनाया जा रहा है?
– प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल
इस पूरे मामले पर संबंधित विभागीय अधिकारियों की चुप्पी भी संदेह पैदा कर रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों और ग्रामीणों को उनका हक मिल सके।
– ग्रामीणों की मांग – “काम हमें दो, मशीन हटाओ”
ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि सरकार ने जो योजना गरीबों के रोजगार के लिए बनाई थी, वह अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।