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राजपूत समाज का ऐतिहासिक निर्णय: फिजूलखर्ची, डीजे और बिंदोरी पर पूर्ण प्रतिबंध, शादी-ब्याह होंगे सादगीपूर्ण

डिंडौरी न्यूज।  राजपूत समाज ने सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ग्राम नान ...

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Chetram Rajpoot

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डिंडौरी न्यूज।  राजपूत समाज ने सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ग्राम नान डिंडोरी में समनापुर एवं अमरपुर क्षेत्र के राजपूत समाज की संयुक्त बैठक में समाज को दिशा देने वाले ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इस बैठक में समाज के वरिष्ठजनों के साथ-साथ युवाओं ने भी एकमत होकर कई सामाजिक कुरीतियों पर रोक लगाने का संकल्प लिया।
– शादी-ब्याह में सादगी को मिलेगा स्थान
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अब समाज में होने वाले विवाह समारोह पूर्णतः सादगीपूर्ण होंगे। बिंदोरी निकालने, डीजे बजाने और पटाखे फोड़ने जैसी दिखावटी परंपराओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इन कदमों का उद्देश्य न केवल फिजूलखर्ची पर लगाम लगाना है, बल्कि समाज में समानता और अनुशासन की भावना को भी बढ़ावा देना है।
– बारात और लग्न में सीमित संख्या का नियम
शादी के कार्यक्रमों को सीमित दायरे में रखने के लिए बारात में अधिकतम 60 से 80 लोगों तक की ही अनुमति दी गई है। इसके अलावा, बारात का समय सुबह 7 बजे तक निर्धारित किया गया है। लग्न में केवल 10 से 15 व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे।
– मृत्युभोज की परंपरा में बड़ा बदलाव
समाज ने मृत्युभोज की बढ़ती दिखावे वाली परंपरा को भी संशोधित करते हुए इसे सीमित किया है। अब केवल 25 से 30 लोग ही भोज में भाग लेंगे। वहीं, मृत्युभोज  की परंपरा को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। साफ-सफाई की जिम्मेदारी समाज के स्वयंसेवक निभाएंगे, जिससे एकजुटता और सहयोग की भावना को बल मिलेगा।
– नेग-उपहार की सीमा तय
शादी में नेग-उपहार को लेकर भी सीमाएं तय की गई हैं, जिससे अनावश्यक बोझ न बढ़े। निर्धारित राशि इस प्रकार है:
द्वारचार एवं मंडप नेग: अधिकतम 2100
हल्दी रस्म: 800
नाई और स्वांसिन का नेग: 1100
गीत मंडली एवं पिचकारी नेग: 500 से 1000 तक
– नशा मुक्त समाज की दिशा में कदम
राजपूत समाज ने नशा मुक्त समाज की पहल को भी आगे बढ़ाया है। शराब, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट जैसे सभी मादक पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे तत्वों को शादी सहित किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में अनुमति नहीं होगी।
– महिलाओं और बेटियों के लिए दिशा-निर्देश
समाज की बेटियों के लिए भी विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। तय किया गया है कि बेटियां मर्यादित वेशभूषा में रहेंगी और समाज की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेंगी, जिससे सामाजिक जिम्मेदारियों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो।
– अनुशासन का होगा पालन, उल्लंघन पर कार्रवाई
बैठक में यह भी कहा गया कि यदि कोई सदस्य समाज द्वारा तय किए गए नियमों की अवहेलना करता है तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इन नियमों को समाज की एकता, संस्कृति की रक्षा और नई पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
– समाज को नई दिशा देने वाला निर्णय
राजपूत समाज का यह निर्णय आधुनिकता के बीच अपनी परंपराओं को बचाए रखने का संदेश देता है। इस प्रकार के फैसले न केवल आर्थिक रूप से राहत देने वाले हैं, बल्कि इस सामाजिक समरसता और आत्मसम्मान को भी मजबूती प्रदान करते हैं।
बैठक की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष जयसिंह राजपूत द्वारा की गई, बैठक में सरवन ठाकुर, मंगल सिंह राजपूत, नारायण ठाकुर, श्रवण गौतम, कुबेर सिंह गौतम, हेमराज सिंह, जगदीश ठाकुर, दिगम्बर सिंह राजपूत, सहित बड़ी संख्या में समनापुर और अमरपुर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे है।
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