नई दिल्ली| लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन और एक प्रमुख सहयोगी देश के साथ भारत की विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार से दो अहम मुद्दों पर जवाब मांगे: पहला, चीन द्वारा 4,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कथित कब्ज़ा, और दूसरा, एक सहयोगी देश द्वारा भारत पर 26% टैरिफ लगाने का निर्णय।
चीन पर सख्त तेवर
राहुल गांधी ने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि चीन ने भारत के 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन सरकार इस पर चुप है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे विदेश सचिव हाल ही में चीनी राजदूत के साथ केक काटते देखे गए, जो शहीद जवानों का अपमान है। “20 जवान शहीद हुए थे और हम चीन के साथ केक काट रहे हैं?” – राहुल ने सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करने की बात करने से पहले ज़रूरी है कि ‘स्टेटस-को’ की बहाली हो यानी भारत की ज़मीन उसे वापस मिले। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने चीन को पत्र लिखे हैं, मगर देश की जनता को इस बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है, बल्कि चीन का राजदूत इसकी जानकारी दे रहा है।
विदेश नीति पर सवाल
राहुल गांधी ने विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार की निष्क्रियता की आलोचना करते हुए कहा कि भारत की नीति आत्मसम्मान और स्पष्टता पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा, “मैं न बाएं झुकती हूं, न दाएं, मैं सीधी खड़ी हूं। मैं भारतीय हूं।” इसके विपरीत उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस की नीति है, “हर विदेशी के सामने सिर झुकाना।”
26% टैरिफ का मुद्दा भी उठाया
राहुल गांधी ने चिंता जताई कि एक प्रमुख सहयोगी देश ने अचानक भारत पर 26% टैरिफ लगाने का फैसला लिया है, जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल, दवा और कृषि उद्योग पर बड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने पूछा कि सरकार इस फैसले को रोकने और भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए क्या कदम उठा रही है।