– मध्यप्रदेश महिला सुरक्षा शाखा का निर्देश — वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को आरोपी न बनाया जाए
भोपाल न्यूज। होटल और ढाबों में पुलिस रेड कार्रवाई के दौरान पकड़ी गई सेक्स वर्करों की गिरफ्तारी और मामलों में आरोपी बनाए जाने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। अक्सर देखा गया है कि रेड में पकड़ी गई लड़कियों और महिलाओं को देह व्यापार के मामलों में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया जाता है, वहीं देह व्यापार से जुड़े दलाल और होटल, ढाबा संचालक महिलाओं को आरोपी बना कर पल्ला झाड़ लेते हैं।
महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को दृषिटगत रखते हुए पुलिस मुख्यालय, मध्यप्रदेश की महिला सुरक्षा शाखा ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 के तहत चल रहे मामलों में वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को आरोपी न बनाया जाए। यह आदेश विशेष पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा) प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव द्वारा 3 अप्रैल 2025 को जारी किया गया है।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि कुछ जिलों में होटल और ढाबों के संचालन के दौरान वेश्यावृत्ति जैसे अपराध दर्ज किए जा रहे हैं, जिनमें पीड़ित महिला को ही आरोपी बना दिया जाता है। जबकि यह व्यवहार न्यायसंगत नहीं है और इससे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है।
महिला सुरक्षा शाखा ने पूर्व में जारी परिपत्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि केवल वेश्यावृत्ति करना अपराध नहीं है। यदि महिला स्वेच्छा से यह कार्य कर रही है और जबरदस्ती या शोषण की स्थिति नहीं है, तो उसे न तो गिरफ्तार किया जाए और न ही प्रताड़ित किया जाए।
– महिलाओं की सम्मान और सुरक्षा के आदेश जारी
– सेक्स वर्क करना कानूनन अपराध नहीं है, जब तक कोई जोर-जबरदस्ती या शोषण न हो।
– पुलिस द्वारा महिला के साथ पीड़िता की तरह व्यवहार किया जाए।
– दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए सभी पुलिस अधीक्षकों और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
महिला सुरक्षा शाखा का यह कदम उन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है, जो वेश्यावृत्ति जैसे कार्यों से जुड़ी हुई हैं। इससे पुलिस और कानून व्यवस्था पर समाज का भरोसा और मजबूत होगा।