– कलेक्टर नेहा मारव्या ने आज कलेक्टर सभागार में वाटरशेड विकास घटक 2.0 की समीक्षा बैठक संपन्न
Dindori Latest News , डिंडौरी न्यूज़। कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने आज कलेक्टर सभागार में वाटरशेड विकास घटक- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 की समीक्षा बैठक ली। जिसमें बताया गया कि जिले में वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत जल संरक्षण और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इस योजना का उद्देश्य जल संचयन, भूमि सुधार और आजीविका के साधनों को सुदृढ़ करना है।
परियोजना के प्रमुख उद्देश्यः
समुदाय की भागीदारी से जल संरक्षण, जल संचयन और बंजर भूमि के विकास को बढ़ावा। चेक डैम, नाला बंधान, स्टॉप डैम, तालाब निर्माण सहित जल संचयन के विभिन्न कार्य। कृषक उत्पादक संगठन का गठन और उत्पादन प्रणाली का उन्नयन। स्व-सहायता समूहों का गठन, जिससे अनुसूचित जाति/जनजाति, सीमांत किसानों और महिलाओं को आत्मनिर्भरता मिलेगी। योजना के तहत जल संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित कर कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
डिंडोरी जिले में 2021-22 में स्वीकृत हुई 4 वाटरशेड विकास परियोजनाएँ
वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत डिंडौरी जिले में वर्ष 2021-22 में कुल 4 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण, कृषि सुधार, और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
स्वीकृत परियोजनाओं का विवरणः
डिंडौरी विकासखंड में 2 परियोजनाएँ स्वीकृत की गईं, जिनका कुल क्षेत्रफल 13,235 हेक्टेयर है। बजाग विकास खंड में 2 परियोजनाएँ (क्रमांक-02 और 03) स्वीकृत हुईं, जिनका कुल क्षेत्रफल 12,250 हेक्टेयर है। इन परियोजनाओं में कुल 38 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है।

योजना का उद्देश्यः
जल संसाधनों का उचित प्रबंधन कर कृषि उत्पादन में वृद्धि। ग्राम पंचायतों के विकास के लिए आधुनिक सिंचाई और जल संरक्षण तकनीकों का उपयोग। किसानों को अर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जल संचयन और कृषि सुधार की दिशा में कार्य। इस योजना से जिले में कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
डिंडौरी जिले में ’वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0’ के तहत बड़े स्तर पर जल संरक्षण कार्य
वाटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत डिंडौरी जिले में बड़े पैमाने पर जल संरक्षण और कृषि सुधार के कार्य किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत 22,000 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न जल प्रबंधन और कृषि सुधार गतिविधियाँ संचालित की गई हैं।
प्रमुख उपलब्धियाँ
अब तक 1213.48 हेक्टेयर भूमि में जल संरक्षण गतिविधियाँ पूरी की जा चुकी हैं। 884.79 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक सुधार कार्य किए गए हैं। जल संरक्षण और सिंचाई के लिए 166.65 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। कुल 21 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर ग्रामीण महिलाओं और किसानों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है।
योजना के प्रमुख बिंदुः
33 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण और कृषि सुधार कार्य, किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों से जोड़ने का प्रयास, जल संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न जल प्रबंधन तकनीकों का प्रयोग। वाटरशेड अधिकारी ने बताया कि वृक्षारोपण कार्य -24, पहाडी में पानी संरक्षित कार्य -87, मिट्टी का कटाव रोकना -96, तालाब- डेम -44, खेत तालाब -289, चेक डेम -11, परकोलेशन तालाब -3 पूर्ण किए जा चुके हैं। कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने वाटरशेड के द्वारा बनाए गए तालाब, नहर, खेत तालाब, चेक डेम, वृक्षारोपण का लोकेशन के फोटोग्राफ प्रतिवेदन चाहा ताकि मैं जाकर निरीक्षण कर सकूं। किसी प्रकार की अपूर्णता पाई जाने पर संबंधित अधिकारी, सहायक यंत्री, निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही की जाएगी। और किन किन हितग्राहियों को आपके द्वारा लाभान्वित किया है उनकी सूची प्रस्तुत करने को कहा।
उक्त बैठक वाटरशेड अधिकारी श्री स्टीफन इक्का, आदित्य खत्रे, इंदरजीत सिंह, खिलेन्द्र पटले, राजकुमार चन्द्रवंशी, मनोज तिरोले, कृषि विभाग से नंदकिशोर पवार सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।