Home / क्या संघ और भाजपा के छत्रछाया में चल रहा भ्रष्टाचारी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला का खेल,आदिवासियों के विकास के नाम पर किया करोड़ों रुपए का हेरफेर…? 

क्या संघ और भाजपा के छत्रछाया में चल रहा भ्रष्टाचारी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला का खेल,आदिवासियों के विकास के नाम पर किया करोड़ों रुपए का हेरफेर…? 

डिंडौरी न्यूज। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 1925 स्थापना वर्ष के साथ ही लगातार देश में हिंदुओं को जगाने और समाजिक समरसता को ...

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Chetram Rajpoot

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Chetram Rajpoot

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डिंडौरी न्यूज। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ 1925 स्थापना वर्ष के साथ ही लगातार देश में हिंदुओं को जगाने और समाजिक समरसता को बढ़ावा देने का काम कर रहा है, वहीं संघ के राजनीतिक संगठन भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था निर्माण करने सदैव प्रतिबद्धता जाहिर करती है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मुख्यमंत्री लगातार भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के विरूद्ध ईओडब्ल्यू,लोकायुक्त सहित ईडी की छापा मार कार्रवाई करवा रहे हैं, लेकिन जन चर्चा का विषय है कि लोकायुक्त छापे से प्रमाणित भ्रष्टाचारी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला संघ और भाजपा के संरक्षण में आदिवासियों के विकास के नाम पर आवंटित करोड़ों रुपए की राशि खुर्द बुर्द कर अपना विकास कर रहे है, लोगो का कहना है कि संघ के उच्च पदाधिकारी शुक्ला पर मेहरबान हैं जिससे ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा नेता भी भ्रष्ट संतोष शुक्ला के सामने नतमस्तक हैं…?
– भाजपा का पूरा संरक्षण लेकिन संघ का संरक्षण होने की बाते दूर्भाग्यपूर्ण..?
भ्रष्टाचारी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला पहले आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में अरबों खरबों की भ्रष्टाचार कर अकूत संपत्ति बनाई, जब लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा तब महीनों तक गायब रहे हैं, उच्च स्तरीय प्रशासनिक पकड़ और राजनीतिक रसूख के दम पर सत्ता परिवर्तन होते ही एक बार फिर इन्हें आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले की कमान सौंपी गई है, भ्रष्टाचारी संतोष शुक्ला को भाजपा का संरक्षण मिलना तो तय है लेकिन संघर्ष का संरक्षण होने की बाते प्रचारित होना दुर्भाग्य पूर्ण ही कहा जा सकता है, क्योंकि जिले में संघ के हजारों कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करते हुए समावेशी विकास में लगे हुए हैं, जब संतोष शुक्ला को संघ द्वारा संरक्षण देने और खुला भ्रष्टाचार किए जाने की बाते कार्यकर्ता सुनते हैं तो प्राथमिक वर्ग, प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं का संघ से मोह भंग होता हुआ देखा जा सकता है वहीं जो संघ की भूमिका समानता, समरसता, और हिंदुत्व के विकास में देखते हैं उनको भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की बाते आत्मघाती लगता है…? अब यह भाजपा और संघ को तय करना चाहिए कि क्या कागजों में आदिवासियों और छात्र छात्राओं के विकास के नाम पर साजिशन करोड़ों रुपए हेराफेरी करने वाले अधिकारी को यहां पनाह मिलना चाहिए या फिर आदिवासियों के भविष्य चौपट करने वालों की विदाई करनी चाहिए..?
– RTI एक्ट की उड़ाई धज्जियां, दस्तावेजों को जंजीरों से जकड़ा
जिस दिन से डिंडोरी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने डिंडोरी जिले की कमान संभाली है तब से जनजाति कार्य विभाग से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी निकलना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है…, कागजों में करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने वाले संतोष शुक्ला ने सरकारी दस्तावेजों को जंजीरों से जकड़ा हुआ है, कमर्चारियों को साफ निर्देश है कि कोई भी कागज किसी भी हालत में किसी को नहीं देना है, इनके कार्यकाल में हजारों की तादात में सूचना का अधिकार के तहत आवेदन आए लेकिन इन्होंने सभी आवेदनों को कचरे की ढेर में फेंकते हुए मामलों को खत्म कर दिया, सूत्रों की माने तो संतोष शुक्ला गड़बड़ घोटालों की सरकारी फाइलें घर में रखते हैं, जिससे कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों तक को विभागीय गतिविधियों की जानकारी नहीं लगती है ,इस तरह लोकायुक्त छापे से प्रमाणित भ्रष्ट अधिकारी संतोष शुक्ला डिंडोरी जिले के वर्तमान और भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं..? जब विकास कार्यों और आय व्यय से जुड़े दस्तावेज जब सामने ही नहीं आएंगे तो आखिर गड़बड़ी का खुलासा कैसे होगा..?
– स्मार्ट क्लास से लेकर मरम्मत और खरीदी में करोड़ों का हेरफेर 
सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला द्वारा पदभार ग्रहण करते हुए स्मार्ट क्लास के नाम घटिया और कबाड़ क्वालिटी के सामग्री खरीदकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया था.. खरीदी में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व कांग्रेस नेता एवं वर्तमान भाजप नेता जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने बड़ा आंदोलन कर कार्रवाई की मांग किया था, इसी तरह जिले भर में छात्रावास और स्कूलों के मरम्मत के नाम पर लगभग 30 करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत कार्य कराए गए हैं, लेकिन भ्रष्टाचारी सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने षड्यंत्रपूर्वक ठेकेदारो से सांठगांठ कर पेंट और पुताई करा लाखों रुपए का बंदरबांट किया, भ्रष्टाचार और लूट में स्वयं को बचाने के लिए आबंटित राशियों को स्कूल प्राचार्यों के खाते में प्रेषित कर विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते से भुगतान कराया गया है, जिससे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े में हिस्सा ले संतोष शुक्ला और यदि फंसने की बारी आए तो संस्था प्राचार्य को बलि का बकरा बना दिया जाए।
इसके साथ ही शिक्षकों के संलग्निकरण, सामग्री खरीदी, ट्रासंफर/पोस्टिंग के नाम पर खुलेआम लूट का खेल चल रहा है।
RNVLive