चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी BYD ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया है। कंपनी ने एक ऐसा अत्याधुनिक चार्जिंग सिस्टम पेश किया है, जिससे उनकी इलेक्ट्रिक कारें सिर्फ 5 मिनट की चार्जिंग में 500 किमी तक दौड़ेंगी। यह उपलब्धि इलेक्ट्रिक वाहनों की दुनिया में एक नई क्रांति की शुरुआत मानी जा रही है।
BYD ने टेस्ला और मर्सिडीज को छोड़ा पीछे
अभी तक टेस्ला के सुपरचार्जर को 15 मिनट में 275 किमी की रेंज देने में सक्षम माना जाता था, वहीं मर्सिडीज-बेंज की इलेक्ट्रिक कारें 10 मिनट में 325 किमी की रेंज देती हैं। लेकिन BYD का नया चार्जिंग सिस्टम सिर्फ 5 मिनट में 500 किमी की दूरी तय करने की क्षमता प्रदान करता है। कंपनी का दावा है कि अब कार चार्ज करने में उतना ही समय लगेगा जितना पेट्रोल या डीजल भरवाने में।
इनोवेशन की रेस में भारत कहां?
इस अभूतपूर्व तकनीक के सामने सवाल उठता है कि हम कहां खड़े हैं? आज जब दुनिया इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी में नए आयाम छू रही है, हम अपनी प्राथमिकताओं को लेकर कहां खड़े हैं? देश में इनोवेशन और रिसर्च पर जोर देने के बजाय हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं?
चाइना, अमेरिका, जर्मनी जैसे देश लगातार नई तकनीक विकसित कर रहे हैं, जबकि हमारे मीडिया और चर्चाओं में इन विषयों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। यह समय है जब हमें आत्मचिंतन करना चाहिए कि क्या हम भविष्य की तकनीक के लिए तैयार हैं? क्या हम इस रेस में शामिल हो पाएंगे?
अगर हमें आगे बढ़ना है तो सिर्फ उपभोक्ता बनकर नहीं, बल्कि तकनीकी इनोवेशन और रिसर्च में अगुआ बनकर काम करना होगा। वरना आने वाले समय में हम सिर्फ दूसरों की बनाई हुई तकनीकों का इस्तेमाल करने तक ही सीमित रह जाएंगे।