– 20 मार्च को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के आगमन पर जयस का प्रदर्शन का ऐलान
– सरकार द्वारा विकास के लिए लगातार बड़ी बड़ी बातें और कागजी घोषणा से नाराज हैं जिलेवासी.. क्या ठोस कदम उठाएगी मोहन सरकार
– जिले के बुनियादी सुविधाओं को लेकर जयस के आहवान पर सियासत गरमाई, सोशल मीडिया में पोस्टर वायरल
डिंडौरी न्यूज। आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में आजादी के सात दशक बाद भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने सरकार से सीधा सवाल किया है। जयस जिला अध्यक्ष नागेंद्र सिंह धुर्वे ने एक पत्र जारी कर बताया कि जिले में लॉ कॉलेज, कृषि महाविद्यालय और आयुर्वेद महाविद्यालय जैसी उच्च शिक्षण संस्थाओं की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को दूर शहरों में जाकर महंगी शिक्षा लेनी पड़ रही है। मध्यप्रदेश में लगभग 20 वर्षों से भाजपा सत्ता में काबिज हैं, तमाम नेता और मंत्रियों का जब भी जिले में आगमन होता है तो मंच से विकास योजनाओं की झड़ी लगा दी जाती हैं, लेकिन वर्षों दशकों के बाद भी घोषणा और जनता से किए गए वादे महज जुमला लॉलीपॉप या सिर्फ जुबानी झुनझुना साबित होती है..? एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव के जिले में आगमन की सुगबुगाहट के बाद जयस ने “हक की भीख मांगने” का ऐलान किया है, जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है।

जयस के प्रमुख सवाल और मांगें:
1. कानून की पढ़ाई: डिंडोरी में LLB, LLM कॉलेज क्यों नहीं? क्या जिले के युवाओं को अपनी जमीन से दूर जाकर महंगी शिक्षा लेने के लिए मजबूर किया जाएगा?
2. कृषि महाविद्यालय: जिले में कृषि महाविद्यालय के लिए पर्याप्त जमीन होने के बावजूद अब तक इसकी स्थापना क्यों नहीं हुई? उन्नत और वैज्ञानिक खेती के लिए यह जरूरी है।
3. परीक्षा केंद्र की मांग: ऑनलाइन परीक्षाओं और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए छात्रों को सैकड़ों किलोमीटर दूर शहरों में क्यों जाना पड़ता है? क्या जिले में परीक्षा केंद्र नहीं खोला जा सकता?
4. स्वास्थ्य सुविधाएं: डिंडोरी जिले में मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों की कमी से हर साल कई मरीज समय पर इलाज न मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं। जिला अस्पताल में उच्च स्तरीय सुविधाएं कब मिलेंगी?
5. रोजगार की कमी: बेरोजगार युवा पलायन के लिए मजबूर हैं, जबकि सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
6. न्याय की मांग: मंडला जिले में हिरन परते नामक युवक के फर्जी नक्सली एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच और ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए क्या गारंटी मिलेगी?

20 मार्च को “हक की भीख” आंदोलन
जयस ने जिलेवासियों से अपील की है कि 20 मार्च को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के डिंडोरी जिले के बालपुर आगमन पर अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर “हक की भीख मांगने” आंदोलन प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जिले वासियों से अपील की है । जयस ने सरकार से साफ कहा है कि यह जनता का हक है, जिसे अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
डिंडौरी की जनता को अब सिर्फ वादों से नहीं, बल्कि ठोस कार्यों से जवाब चाहिए। क्या सरकार जिलेवासियों की इन मांगों पर ध्यान देगी?