पटना। कांग्रेस पार्टी ने बिहार में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा की शुरुआत की है, जिसका नेतृत्व कन्हैया कुमार कर रहे हैं। यह यात्रा 16 मार्च 2025 को पश्चिमी चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम से आरंभ हुई, जहां से महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत की थी। यात्रा का उद्देश्य राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के पलायन के मुद्दे को उजागर करना है।
कन्हैया कुमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के लोगों को अच्छी शिक्षा, नौकरी और यहां तक कि हनीमून के लिए भी बाहर जाना पड़ता है, जो राज्य में अवसरों की कमी को दर्शाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार रोजगार देने में असमर्थ है, परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी घटनाएं आम हो गई हैं, और नई भर्ती होने वाले शिक्षकों को पेंशन लाभ से वंचित किया जा रहा है।
इस यात्रा में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। यात्रा विभिन्न जिलों से होकर गुजरेगी और पटना में समाप्त होगी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस राज्य में अपनी जड़ें मजबूत करने का प्रयास कर रही है, विशेषकर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर।
हालांकि, इस यात्रा को लेकर सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। जदयू नेता संजय कुमार झा ने कहा कि कांग्रेस और राजद को पलायन पर बात करने का कोई हक नहीं है, क्योंकि इन्हीं दोनों पार्टियों की सरकारों में सबसे ज्यादा बिहार से पलायन हुआ है।
कुल मिलाकर, ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा के माध्यम से कांग्रेस राज्य में बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए आगामी चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रही है।