Dindori News, डिंडौरी । विशेष पुलिस महानिदेशक एस.टी.एफ.पंकज कुमार श्रीवास्तव द्वारा अवैध मादक पदार्थ की तस्करी एवं वन्य जीवों का शिकार करने वाले आरोपियों एवं संगठित अपराध करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं, इसी तारतम्य में चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में कटनी निवासी एक आरोपी के पकडे जाने पर पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर को कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिया जिस पर विशेष पुलिस महानिदेशक महोदय के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक एस.टी.एफ. राजेश सिंह भदौरिया के निर्देशन तथा एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर प्रभारी उप पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार तिवारी के नेतृत्व में 5 विशेष टीम द्वारा कटनी, मण्डला, डिण्डौरी वन क्षेत्र में वांछित आरोपियों की पतासासी हेतु सर्चिग की कार्यवाही विगत 31 जनवरी से की जा रही थी।

जिस पर विगत 10 दिवस की सघन सर्चिग से जिला डिण्डौरी थाना शहपुरा वन क्षेत्र के ग्राम पडरिया साकल में आरोपियों के ठिकानों एवं जमीन से 940 किलोग्राम गांजा एवं धारदार 8 चाकू तथा 52 विस्फोटक बम जिन्हे वन्य जीवों के मारने में उपयोग किया जाता है, जप्त किया एवं मौके से 4 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। उक्त ठिकानों से 12 दोपहिया वाहन जो उक्त अपराधिक कार्य में उपयोग किए जा रहे हैं उन्हे जप्त किया। एस.टी.एफ. द्वारा हिरासत में लिए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर इस अंर्तराज्यीय गैंग के अन्य सदस्य जो टाईगर सहित वन्य जीवों के शिकार एवं गांजे के बडे मात्रा में अवैध क्रय विक्रय में संलिप्त हैं, उनकी पतासाजी एवं तलाश कर रही है। आरोपियों की सर्चिग कार्यवाही में स्टेट टाईगर स्ट्राइक फोर्स फारेस्ट के अधिकारी/कर्मचारियों का भी सहयोग लिया गया तथा अवैध गांजा के ठिकानों की सर्चिग एवं जप्ती की कार्यवाही में जिला पुलिस डिंडौरी भी संयुक्त रुप से सम्मिलित रही।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपी न केवल गांजा तस्करी कर रहे थे, बल्कि जंगली जानवरों का भी शिकार कर रहे थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गैंग जंगल में बम का उपयोग कर जंगली जानवरों को मारती थी। ये आरोपी विस्फोटकों को खाने की वस्तुओं में मिलाकर रखते थे, जिसे खाते ही जानवरों की मौत हो जाती थी।
गैंग के सरगना वकील सिंह ने पूछताछ में बताया कि वे दिन में खानाबदोशों की तरह झोपड़ियों में रहते थे, ताकि किसी को शक न हो। रात के अंधेरे में फोर व्हीलर और बाइक के जरिए गांजे की तस्करी की जाती थी। उड़ीसा से गांजा लाने के बाद इसे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में सप्लाई किया जाता था।
कार्रवाई के दौरान जब एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी की, तब कुछ आरोपी मौके से फरार हो गए। एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि गैंग में करीब 50 से अधिक लोग शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य सदस्यों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

– इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर द्वारा वांछित आरोपियों की वन क्षेत्र में पतारसी एवं तलाश हेतु 5 टीमें बनाई गई थी। जिसमें अवैध गांजा के ठिकानों की पतारसी एवं जप्ती में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका स.उ.नि.एस.टी.एफ.श्री शेलेन्द्र सोनी, आर.नीलेश दुबे की टीम की रही इसके साथ महत्वपूर्ण भूमिका एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर के निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर, उ.नि. पंकज सिंह बिष्ट 3.नि. मुनेन्द्र कौशिक, उ. नि. गोपाल विश्वकर्मा, प्र, आर. संपूर्णानंद, प्र.आर. विनय कोरी, प्र.आर. निर्मल सिंह पटेल, प्र.आर. गजेन्द्र बागरी, आर. राजन पाण्डेय, आर. मनीष तिवारी, आर. चालक राहुल रघुवंशी, एवं स्टेट टाईगर स्ट्राईक फोर्स फारेस्ट के वन क्षेत्रपाल शुभम मिश्रा, पुलिस डिण्डौरी के निरी. शिवलाल, उ.नि. मनीराम जगदीश प्रसाद, सुदीप मिश्रा एवं मनीष पटेल तथा जिला एस.डी.ओ.पी.शहपुरा मरावी, उ.नि. ताकेश्वरी यादव, स.उ.नि. रुकमणि पासी आदि की रही।
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