गोरखपुर न्यूज। जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर से तीन किमी दूर सिवनी संगम तट पर चल रहे संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन से पधारे पूज्य कथा व्यास श्री अवनीश जी महाराज के द्वारा आज छठे दिन में भगवान की लीलाओं का मधुर गायन किया गया व्यास जी के द्वारा महाराष के माध्यम से आत्मा का परमात्मा से मिलन होने के मधुर प्रसंग को श्रोताओं को श्रवण कर मानव जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि वस्तुतः विषयों का भोग करने के लिए नहीं वस्तुत अपने जीवन का परम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है ,इसी क्रम में कंस रूपी अहंकार का भगवान श्री कृष्ण के द्वारा मर्दन या विनाश किया गया अर्थात मानव को कभी भी अहंकार ना करते हुए जीवों को या कमजोर लोगों को नहीं सताना चाहिए क्योंकि भगवान कहते हैं , जिसका कोई नहीं होता उसका मैं हूं इसी की शिक्षा देते हुए भगवान ने कंस का वध किया अर्थात कोई भी कमजोर जीव पर अत्याचार करता है तो उसका विनाश भगवान स्वयं करते हैं कथा के माध्यम से यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी किसी के ऊपर अत्याचार नहीं करना चाहिए. आज महाराज जी के द्वारा भगवान की विभिन्न लीलाओं उद्धव गोपी संवाद कृष्ण मथुरा गमन कंस वध आदि चित्रों का गायन करते हुए भगवान के विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
जिसमें सभी श्रोता मस्ती से झूमते हुए आनंद विभोर हो गए आज की कथा में श्रोताओं का विशाल जनसमूह उमड़ना हुआ नजर आया कथा में सभी श्रोता कथा के रस का पान हृदय में समाहित किए व्यास जी ने बताया जिस किसी ने भी पिछले 6 दिनों तक कथा नहीं सुनी वह यदि विश्राम दिवस की कथा सुन ले तो उन सभी को पूरे सातों दिन की कथा श्रवण का फल प्राप्त होता है अतः 3 तारीख को कथा सुबह 9:00 से बजे से प्रारंभ होकर 12:00 तक होगी ।