– जिले में खाद्यान्न आवंटन व्यबस्था चरमराई
डिंडौरी। मध्य प्रदेश में आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। गरीबों को मुश्किलों में भी खाना मिलता रहे इसके लिए सरकार राशन कार्ड के जरिए कम कीमत में गेहूं, चावल, जैसे जरूरी सामान उपलब्ध कराती है। लेकिन जिले में इन दिनों खाद्यान आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई हैं, डिंडौरी ज़िले में भारत सरकार द्वारा निर्धारित नवीन मापदण्ड के विरुद्ध घटिया स्तर की खाद्यान सामग्री वितरित कराया जा रहा हैं, वही दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों में 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं,अतिकम वजन के बच्चों को प्रति हितग्राही प्रतिदिन निम्नानुसार पूरक पोषण आहार दिये जाने का प्रावधान किया गया हैं। परंतु ज़िले के लगभग 311 स्कूलों सहित आंगनबाड़ी केंद्र में 16 हज़ार छात्र सरकारी लापरवाही और उपेक्षा के कारण खाद्यान्न से प्रभावित हुए है । उक्त नौनिहालों राशन से वंचित है। राष्ट्र के भविष्य बच्चों को पौष्टिक आहार देकर उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाने तथा मानसिक रूप से प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करने के लिए 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए जिससे बच्चों को राशन मिल सके लेकिन डिंडौरी ज़िले में पीडीएस राशन, एमडीएम, साँझा चूल्हा,का राशन घटिया क्वालिटी का वितरण कर छात्रो के स्वास्थ से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला प्रशासन डिंडौरी की नाक के नीचे कमीशन का खेल चल रहा है और चावल की गुणवत्ता को दरकिनार करते हुए आम नागरिकों छात्रो को राशन वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में जनवरी माह आधे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जिले की लगभग 54 शासकीय उचित मूल्य दुकानो में माह जनवरी का 311 शालाओ में खाद्यान्न, नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा आपूर्ति नही की गई है, जिससे जिले के 16 हज़ार छात्र योजना से लाभान्वित होने वंचित रह गये है।

जिले में बैठे जिला खाद्य अधिकारी अम्बोज श्रीवास्तव के कान में जु नही रेंग रही है साथ ही द्वार प्रदाय योजना अन्तर्गत बड़े बड़े वादे करने वाले नागरिक आपूर्ति निगम डिंडौरी भी झूठा दावा कर रहा है कि आपूर्ति हो जाएगी। किंतु दावे खोखले नजर आ रहे अब देखना ये होगा कि जिला प्रशासन खाद्य अधिकारी, प्रबंधक नान के विरुद्ध क्या कार्यवाही करते है…?
– प्रशासन तक कई बार शिकायत होने के बाद भी कार्यवाही शून्य
ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में अधिकारियों व राशन डीलरों की मिलीभगत के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन सामग्री के वितरण में भारी धांधली की जा रही है। वही उच्च क्वालिटी का राशन वितरण नहीं किया जा रहा है जिसकी शिकायत सक्षम अधिकारी को करने के बाद भी कोई प्रभावी बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है जिसके चलते ख़राब राशन से ही थोड़ी बहुत साफ़ सफ़ाई करके पूर्ति की जा रही है जिससे स्वस्थ में विपरीत प्रभाव पड़ने की अपार संभावना है।
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