Home / हौसलों की उड़ान : हाथों से लिखने में असमर्थ सुगंति पैर से गढ़ रही तकदीर

हौसलों की उड़ान : हाथों से लिखने में असमर्थ सुगंति पैर से गढ़ रही तकदीर

– दिव्यांग छात्रा योजनाओं की लाभ से वंचित, किसी ने नहीं ली सुध  डिंडौरी न्यूज। “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों ...

Photo of author

Chetram Rajpoot

Post date

Chetram Rajpoot

Published on:

– दिव्यांग छात्रा योजनाओं की लाभ से वंचित, किसी ने नहीं ली सुध 
डिंडौरी न्यूज। “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। ये पंक्तियां सुगंती अयाम पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं, क्योंकि सुगंती के दोनों हाथ जन्म से ही असमर्थ हैं बावजूद इसके उसने स्कूल जाना नहीं छोड़ा। दोनों हाथ लिखने में असमर्थ होने की वजह से सुगंती ने पैर में पेन फंसाकर लिखना शुरू किया था और अब वो पैर से लिखने में कितनी कुशल और दक्ष हो चुकी है जिसका अंदाजा उसकी राइटिंग और दसवीं की परीक्षा परिणाम को देखकर बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है।
सामान्य व्यक्ति के हाथों से लिखने की स्पीड और हैंडराइटिंग से कहीं बेहतर सुगंती पैर से लिख लेती है। बीते वर्ष ही सुगंती ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 64 प्रतिशत अंकों के साथ फर्स्ट डिवीजन में पास किया है। हमारे संवाददाता से बात करते हुए सुगंती ने कहा की वे पढ़ लिखकर अपने मजदूर माता पिता का सहारा बनना चाहती है,साथ ही उसने आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा भी जाहिर की है। सुगंती ने बताया की बचपन से ही उसकी मां ने पढाई के लिए प्रेरित किया और पैर से ही लिखना सिखाया है। सुगंती के माता पिता मेहनत मजदूरी करके जैसे तैसे उसे पढ़ा रहे हैं।
सुगंती के गांव से स्कूल की दूरी करीब दस किलोमीटर है और स्कूल आने जाने में रोज बीस रूपये किराये में खर्च हो जाता है। सुगंती के दोनों हाथ बेकार होने के साथ साथ उसके पैर भी ठीक से काम नहीं करते हैं लिहाजा वो ठीक से चल भी नहीं पाती है ऐसे में उसकी बचपन की सहेली उसका पूरा ख्याल रखती है। सुगंती पीएम श्री हायर सेकेंडरी स्कूल गाड़ासरई में ग्यारहवीं की छात्रा है और स्कूल के शिक्षक सुगंती को विलक्षण प्रतिभा का धनी कहते हुए बताते हैं की सुगंती नियमित रूप से स्कूल आती है और बेहद ही अनुशासित तरीके से पढाई करती है।
RNVLive

Related Articles