Dindori News ,डिंडौरी न्यूज । आज के तकनीकी युग में ऑनलाइन हैकिंग और फ्रॉड सामान्य घटना हो गई है। इसमें से अधिकांश घटनाएं फ्रॉड के चलते होती हैं। आधिकारिक शिकायत दर्ज ना कराने पर अधिकांश बैंक ग्राहकों को खोई हुई राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं। परंतु जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसकी आधिकारिक शिकायत होने के बावजूद भी बैंक ने ग्राहक को समय रहते बचा ना सका । जिला मुख्यालय निवासी अंजार भारती पिता मोहम्मद याकूब ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कर बताया है की उनका खाता पंजाब नेशनल बैंक डिंडोरी ब्रांच में संचालित है उनके मोबाइल नंबर पर 11 दिसंबर को लगातार ओटीपी आ रहे थे जिसकी शिकायत पीड़ित ने रात्रि 8.20 पर बैंक अधिकारी को फोन पर जानकारी दी थी जहां बैंक अधिकारी ने पीड़ित को अगले दिन यानी 12 दिसंबर को बैंक में आने को कहा बैंक पहुँचने पर बैंक अधिकारी द्वारा पीड़ित के मोबाइल की पड़ताल कर एटीएम व खाता बंद करने को कहा गया जिससे पीड़ित का खाता सुरक्षित रहे परंतु उसी रात को रात्रि 8.30 बजे पीड़ित के मोबाइल में मेसेज आया कि उक्त पीड़ित के खाते से एक लाख पाँच हजार तीन सौ रुपये निकल गए है। पीड़ित द्वारा तुरंत जानकारी बैंक के सक्षम अधिकारी को दी गई जहां बैंक अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया वही कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
– ब्रांच मैनेजर को भेजा लीगल नोटिस
पीड़ित अंजार भारती ने अपने अधिवक्ता सम्यक् जैन के माध्यम से ब्रांच मैनेजर को लीगल नोटिस भेजा है चुकी पीड़ित पूरे लेन-देन के दौरान सतर्क था और उसने निर्धारित समय के भीतर सक्षम प्राधिकारी को सूचित किया था, लेकिन बैंक की लापरवाही के कारण प्राधिकारी अनधिकृत लेनदेन को रोकने में असफल रहे, जिसके लिए बैंक उत्तरदायी हैं। अधिवक्ता ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 जुलाई 2017 के सर्कुलर के अनुसार यह प्रावधान है कि यदि कोई अनाधिकृत लेनदेन तीसरे पक्ष की डेटा चोरी के कारण होता है और ग्राहक इसे तुरंत रिपोर्ट करता है तो इसमें ग्राहक की कोई लापरवाही नहीं होगी। उक्त केस में बैंक की लापरवाही सामने आई है जिसने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाये जिससे पीड़ित को नुकसान का सामना करना पड़ा।
– जिसकी लापरवाही से हैकिंग होगी, नुकसान के लिए वही जिम्मेदार होगा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2017-18 की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार हैकिंग की जिम्मेदारी को लेकर स्पष्ट किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जिसकी लापरवाही से हैकिंग होगी, नुकसान के लिए वही जिम्मेदारी होगा। आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक की लापरवाही या गलती की वजह से नुकसान होता है तो ग्राहक को चिंता करने की जरूरत नहीं है। नुकसान की पूरी राशि की भरपाई बैंक को करनी होगी। यदि ग्राहक की लापरवाही से नुकसान होता है तो इसे ग्राहक को वहन करना होगा।
– ये है नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक, बैंक या ग्राहक की लापरवाही ना होने पर ग्राहक को फ्रॉड होने पर 3 दिन के अंदर बैंक में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। ऐसा करने पर ग्राहक को पूरे नुकसान की भरपाई होगी। यदि 4 से 7 दिन के अंदर शिकायत दर्ज कराई जाती है तो ग्राहक को 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक की भरपाई की जाएगी। 7 दिन के बाद शिकायत दर्ज कराने पर नुकसान की भरपाई बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करेगी।