डिंडौरी न्यूज़। अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत भैंसवाही के पोषक ग्राम सक्का टोला में स्थानीय लोगों को पेयजल सुविधा मुहैया कराने के लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत 4 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था। लेकिन ग्रामीणों के उम्मीदों पर पानी फेरते हुए सरपंच, सचिव और उपयंत्री ने मिलकर मनमानी करते हुए तकनीकी मानकों को ठेंगा दिखा सार्वजनिक पेयजल कूप निर्माण के नाम पर महज झिरिया का नमूना बना कर लाखों रुपए भुगतान किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सार्वजनिक पेयजल कूप की व्यास/चौड़ाई कम से कम 6- 7 मीटर होना चाहिए इसके साथ ही गहराई भी होनी चाहिए जिससे ग्रामीणों को 12महीने सतत् तौर पर पेयजल सुविधा मिले लेकिन जब जिम्मेदार निर्माण के नाम मजाक करेंगे तो ग्रामीणों का भला कैसे होगा यह अपने आप में सवाल है…?

एक तरफ निर्माण से पहले कार्य स्थलों का परीक्षण कर स्वीकृत कार्यों से आमजनों को लाभांवित करने का प्रतिवेदन तैयार किया जाता है, जिसमें यह तय होता है कि उक्त कार्य से लोगों को फायदा मिलेगा, साथ ही उपयंत्री और एसडीओ के द्वारा कार्यों का ले आउट दिया जाकर तकनीकी निर्देशन में निर्माण एजेंसी से कार्य कराए जाते हैं, लेकिन भैंसवाही में निर्मित अजूबा सार्वजनिक पेयजल कूप को देखकर तकनीकी अधिकारियों सहित जनपद पंचायत के अधिकारियों के काबिलियत और कर्तव्यों पर अनेक प्रश्न खड़े हो रहे हैं… यदि विकास के नाम पर महज ढांचागत खानापूर्ति का क्रम चलता रहा तो योजना का उद्देश्य महज कागजों में सिमट जाएगा और अधिकारी फर्जी बिल बाउचर बनाकर अपना विकास करते रहेंगे।
वहीं जब इस मामले में उपयंत्री अमित नानोटे से यह जानकारी चाही गई कि प्राक्कलन के अनुसार सार्वजनिक पेयजल कूप का निर्माण क्यों नहीं कराया गया तो उनका कहना था कि जितना काम हुआ है, उतने का भुगतान किया गया है.. जिससे साफ होता है कि उपयंत्री के संरक्षण में विकास के बुनियादी कार्यों को बर्बाद कर महज कागजों में खेल किया जा रहा है।