– परिवारिक विवाद के 36 प्रकरणों को सुलझाने की गई पहल
– समझाईस के बाद 13 जोड़ो ने हँसी खुशी से साथ रहने का लिया फैसला
डिंडौरी। अक्सर विवाह के कुछ महीने या साल भर बाद ही दंपती के बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद की शुरुआत होती है। फिर दोनों एक-दूसरे से अलग रहने लगते हैं। पुलिस तक शिकायत पहुंच जाती है। ऐसे घरेलू मामले में पुलिस अब सीधे मुकदमा दर्ज नहीं करती बल्कि परिवार परामर्श केंद्र में भेज देती है। ऐसे ही मामलों को महिला थाना डिंडोरी मे संचालित परिवार परामर्श केंद द्वारा माननीय न्यायालय डिंडोरी में आज दिनांक 11 मई को आयोजित नेशनल लोक अदालत में परिवार परामर्श केंद्र की टीम द्वारा 36 दंपतियों की काउंसलिंग की जिसमें तेरह जोड़ों के बीच समझौता हुआ तथा 03 जोड़ों को न्यायालय न्यायार्थ जाने का परामर्श दिया गया। पति-पत्नी के बीच विवाद को महिला थाना डिंडोरी के महिला पुलिस काउंसलर ने बैठकर सुनवाई की,जिनमें से 13 जोड़े खुशी-खुशी अपने घर गए।

नेशनल लोक अदालत में परिवार परामर्श केंद्र डिंडोरी में आज 36 प्रकरणों की फाइलें आई। जिसमें 13 प्रकरणों में पति-पत्नी के बीच लंबे समय से चल रही अनबन को दूर करने में महिला थाना पुलिस कौंसलरों की समझाइश के बाद पक्षकारों ने आपसी मनमुटाव को भूलकर जीवन-भर साथ जीवन गुजारने का संकल्प लिया और राजीनामा कर अपने-अपने घरों को हंसी-खुशी समझाइस के बाद एक दूसरे के साथ दोबारा कभी लड़ाई न लड़ने और साथ रहने का वादा किया,

इस दौरान न्यायधीश जिला सत्र न्यायाधीश नीना आशापुरे, प्रथम जिला न्यायाधीश मुकेश कुमार डागी,मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन सिंह चौहान,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तम डार्बी एवं लोक अभियोजन अधिकारी मनोज वर्मा, लक्ष्मी नारायण साहू मौजूद रहे। समझाईस एवं समझौते के बाद 13 जोड़ों ने एक दूसरे को माला पहनाया और खुशी खुशी अपने घर के लिए रवाना हुए । विवादग्रस्त दंपत्तियों की काउंसलिंग में महिला थाना प्रभारी उप निरीक्षक गंगोत्री तुरकर, बी.एल. बरकड़े, प्रआर माखन परस्ते,म.प्रआर. भुवनेश्वरी,मआर. अमिता मार्को और अन्य स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।