डिंडौरी न्यूज़। जिले के करंजिया मुख्यालय के शासकीय महाविद्यालय परिसर में शनिवार को विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में प्राचार्य प्रमोद वास्पे के मार्ग दर्शन में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।इस मौके पर प्राचार्य श्री वास्पे ने जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि भारत देश में योग और ध्यान का उपयोग अनादिकाल से चला आ रहा हैं हमारे ऋषि मुनि और सिध्द पुरुष इस विधि में पारंगत थें उन्हीं के द्वारा बताए गये नियमों का पालन करते हुए आज सारे जगत के अनुसरण कर गंभीर बीमारियों से लाभ प्राप्त कर रहें। इसलिए हम सभी को स्वस्थ जीवन के लिए इन्हें अपनाना चाहिए। संबोधन की अगली कड़ी में डॉ प्रेम शंकर साहू ने ध्यान की विभिन्न अवस्थाओं को बताते हुए इसके उपयोग करने की विधि को समझाया ।

प्रो अजय सिंह द्वारा ध्यान के इतिहास का संक्षिप्त परिचय कराते हुए कहा कि प्राचीन काल में ऋषि मुनियों एवं संत महात्माओं ने योग और ध्यान को अपना कर अपने जीवन को सफल बनाया है। वर्तमान के भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव युक्त जीवन को किस आसान बनाने के लिए योग और ध्यान के माध्यम से अनुसरण करके साधारण बनाया जा सकता हैं।इस दरमियान उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्राप्त लिंक के माध्यम से विश्व ध्यान दिवस पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई और ध्यान सत्र का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय स्टाफ के साथ-साथ छात्राओं ने भी भाग लिया ।