Dindori Corruption News, डिंडौरी न्यूज़। संवैधानिक तरीके से निर्वाचित जनप्रतिनिधि चुनाव के बाद किस तरह नियम कानूनों की धज्जियाँ उड़ाते हैं, इसकी बानगी अनेको जगह देखी जा सकती हैं, शासन द्वारा निर्धारित प्रावधानों को ठेंगा दिखाते हुए माननीय शासन को ही पलिता लगाने में जुट जाते हैं, इनके मनमानी और भ्रष्टाचार के खेल में बखूबी प्रशासनिक अधिकारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला जिले के करंजिया ब्लॉक में सामने आया हैं, जिला पंचायत सदस्य वीरेंद्र परस्ते ग्राम पंचायतो सहित विभागों में जमकर अवैधानिक तरीके से मटेरियल सप्लायर के नाम पर शासन को पलिता लगाने का खेल कर रहें हैं, महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना द्वारा ग्रामीण विकास, गरीब ग्रामीण पंजीकृत कृषक मजदूरों को रोजगार देना. ग्रामीण जल संवर्धन कार्य, पर्यावरण संतुलन, ताल तलैया, सरोवर आदि के कार्य कराये जाने का प्रावधान है, जिसके तहत् ज़िला पंचायत डिंडोरी के अन्तर्गत वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 में अधोसरंचना निर्माण के कार्य स्वीकृत किये गये थे, उन कार्यो में ज़िला सदस्य वीरेंद्र परस्ते ने अपने पद् के प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए इस महत्वाकांक्षी योजना से निजी लाभ अर्जित किया जाकर पदीय कर्तव्यों में घोर लापरवाही एवं बिल व्हाउचर लगाकर निजी लाभ अर्जित किया है। उपरोक्तानुसार राशि का भुगतान वीरेंद्र परस्ते, ज़िला सदस्य, ज़िला पंचायत डिंडोरी, जिला डिण्डौरी ने अपनी फर्म के बैंक खाता में प्राप्त कर प्रत्यक्ष लाभ अर्जित किया है।
इसी प्रकार ज़िला पंचायत डिंडोरी के अन्तर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में ज़िला सदस्य के द्वारा स्वीकृत मूलभूत की राशि से एवं विभिन्न मदों की राशि से भी स्वीकृत कार्यो में बिल लगाकर प्रत्यक्ष लाभ अर्जित किया है तथा पंचायत राज अधिनियम में प्रदत्त दायित्व एवं कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही दुरूपयोग कर शासकीय धन का भ्रष्टाचार एवं गबन किया है।
– ग्राम स्वराज एवं पंचायत अधिनियम में ये हैं प्रावधान
मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी त्रि स्तरीय पंचायती राज के तहत निर्वाचित कोई भी जनप्रतिनिधि शासकीय योजनाओं से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ अर्जित नही कर सकता तथा अपने रिश्तेदार या नातेदारों को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ नही दे सकता। परन्तु ज़िला सदस्य वीरेंद्र परस्ते के द्वारा पंचायत राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए लाभ अर्जित किया गया है। जनप्रतिनिधि का दायित्व है कि वह अपने क्षेत्र के लोगों के भलाई के लिये निःस्वार्थभाव से सेवा का कार्य करे। किन्तु वीरेंद्र परस्ते के द्वारा लोगों के भलाई का कार्य न करते हुए निजी लाभ अर्जित किया गया है।
– बगैर जीएसटी भुगतान प्राप्त कर नहीं चुका रहें जीएसटी
नियमानुसार यदि आप 40 लाख रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले माल के आपूर्तिकर्ता हैं तो एक व्यवसाय के रूप में जीएसटी के लिए पंजीकरण अनिवार्य है, वही बिना जीएसटी से रजिस्टर्ड वेंडर आईडी में भुगतान करना नियमविरूध है इन ख़ातो में भुगतान करने से शासन को ना तो जीएसटी मिलता है और ना ही आयकर । लेकिन वर्तमान मामले में लक्ष्य ट्रेडर्स नामक फर्म के व्यवसाई जिसके मालिक ज़िला सदस्य वीरेंद्र परस्ते है, उक्त मानदंडों को दरकिनार कर भुगतान प्राप्त कर रहे है, उक्त फर्म का एसटीआईएन स्वतः संज्ञान से रद्द किया गया है जो 21/10/2022 से प्रभावी है।
– ज़िला सदस्य के मना करने पर भी विभाग ने किया भुगतान
दिनांक 08/04/2023 को पत्र के माध्यम से ज़िला सदस्य वीरेंद्र परस्ते ने कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग डिंडोरी को सूचित किया था की वित्तीय समस्या होने के कारण अमृत सरोवर, स्टॉप डैम जैसे निर्माण कार्यों में मटेरियल सप्लाई करने में असमर्थ है, अनेको निर्माण कार्यों में अन्य सप्लायरो से मटेरियल लेकर अधिकारियो ने जिला पंचायत सदस्य के फर्म लक्ष्य ट्रेडर्स को करोड़ो रूपये का भुगतान कर दिया, आरोप हैं की सब कुछ जानते हुए भी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री, एसडीओ, उपयंत्री ने स्वार्थ के चलते भुगतान कर सरकारी धन का बंदरबाट किया हैं ।
– अधिवक्ता ने उजागर किया टैक्स चोरी का मामला
ज़िले के युवा अधिवक्ता सम्यक् जैन ने मामले को उजागर करते हुए अधिवक्ता मनन अग्रवाल के माध्यम से ज़िला सीईओ को लीगल नोटिस भेजा है, वही मामले की प्रतिलिपि कलेक्टर, संभागायुक्त, कमिश्नर जीएसटी, कमिश्नर,रोज़गार परिषद भोपाल, अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, जबलपुर को विधिसंगत कार्यवाही हेतु प्रेषित किया है।