अखलाक कुरैशी की ग्राउंड रिपोर्ट
डिंडौरी न्यूज़ । डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर सहित अंचल में पड़े तीन दिन की बेतहाशा ठंड के साथ फसलों पर गिरें पाले ने दलहन की अरहर की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया हैं । सोमवार को अरहर लगें खेतों के दृश्य और ताजा स्थिति यह है कि पाले से प्रभावित अरहर के दानों की फलियां और पत्ती पूरी तरह झुलसकर मुरझाने लगे दानों की डालियां सूखने लगी है ऐसे में किसानों को इस फसल से लागत वापस मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही लिहाजा तैयार फसल को बर्बाद होता देखने मजबूर हैं यह किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किस खेतिहर का कितना नुकसान हुआ क्योंकि पाले का असर तुरंत नहीं दिखता,धूप लगने के बाद ही नुकसान का वास्तविक आंकलन होगा यघपि क्षेत्र के किसान अनुभव के आधार पर शत प्रतिशत नुकसान का अनुमान बता रहे हैं।

पाले ने किया दाल के लिए मोहताज –
बंजरटोला के किसान मतवार यादव ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि खेत की मेढ़ो पर अरहर की फसल लगाया था फलियों में दाने आने लगें थें फसल की स्थिति देखकर कलेजा फूल गया था लेकिन पाले ने एक ही झटके में सारे अरमानों पर पानी फेर दिया फसल की दुर्गति देखकर खेतों में जाने का मन नहीं करता इनमें अब न दाने विकसित हो सकतें और न लागत वापस मिलेगा पाला ने दाल खाने से मोहताज कर दिया , सुनील सैयाम बुंदेला ने बताया कि चार दिन पहले तक अरहर की फसल पूरी तरह सुरक्षित थी।खेतों में हरी-भरी फसल देखकर सभी किसानों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी उन्हें उम्मीद था कि अरहर की फसल से सालभर दाल खाने की व्यवस्था हो जाएगा और जो अतिरिक्त उपज बचेगा उसे अच्छे कीमतों पर बेचकर अन्य जरुरतों की पूर्ति कर लेंगे लेकिन ऐन मौके पर तुषारापात से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। सोमवार को सुबह किसानों ने खेतों पर जाकर देखा तो पता चला कि अरहर की फसल पर पाला लग चुका हैं अब दो दिन बाद फलिया के अंदर के दाने सूख जाएंगे और इनका रंग अभी से काला दिखने लगा हैं।
तुरंत नहीं दिखता असर –
धवाडोंगरी निवासी किसान प्रभु दयाल केवट ने बताया कि वर्तमान में हुए तुषारापात का असर फसलों पर तुरंत नहीं दिखता लेकिन दो तीन दिन बाद स्पष्ट झलक जाएगा कि अरहर की फसल को कितना नुकसान हो गया।आज सुबह वह अपने खेत पर गए थे। पौधे के ऊपर की दाने वाली फली समेत डालियां सूखने लगी है बाकी फसलें तो ठीक है क्योंकि इनकी बोवनी अभी किया गया । लेकिन ऐसी जानकारी मिल रही कि पूरे क्षेत्र में अरहर की फसल सबसे अधिक प्रभावित हैं और दो दिन धूप लगने के बाद नुकसान साफ दिखने लगेगा।

सर्वे की मांग –
अरहर फसल में पाले लगने के बाद अब क्षेत्र के किसान सरकार से प्रभावित फसलों की मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं उन्होंने जिला प्रशासन व संबंधित विभाग के अधिकारियों से खेतों में जाकर फसल का वास्तविक आंकलन करने का गुहार लगाया हैं,सोमवार को कस्बा आएं किसान नंदकुमार मोंगरे तबलूटोला,पनकू आर्मो भलखोहा, बिरसिंह मरावी लालपुर,ने बताया कि अरहर की फसल से आश नहीं कि दाना वापस मिल जाए क्योंकि तुषारापात के असर से दानों को पर्याप्त पोषण नहीं मिलेगा इसलिए यह सही आकार नहीं ले पाएंगे तो पौधों का विकास कैसे होगा अब कुछ नहीं होने वाला पाले ने किसानों की कमर तोड़ दी धवाडोंगरी के किसान सीताराम बंजारा ने बताया कि पाले से केवल अरहर बस की फसल प्रभावित नहीं है बल्कि सब्जी में टमाटर,बैंगन,लौकी,सेमी,लौकी, लालभाई आदि भी बुरी तरह चपेट में आ गए हैं।

”किसानों के नुकसान अरहर के फसल का सर्वे कर उन्हें राहत पहुंचाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है ”ओंमकार मरकाम क्षेत्रीय विधायक”पटवारी के माध्यम से खेतों की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करवा लेते हैं।”भरत सिंह वट्टे तहसीलदार तहसील बजाग