डिंडौरी न्यूज़। जिले की सरकारी स्कूलों में दिनों दिन शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही हैं, जिनके जिम्मे सरकारी स्कूलों की निगरानी और गुणवत्ता कायम करना है उनके द्वारा तय जिम्मेदारी को कमाई का जरिया बना कर मोटी कमाई करते हुए दायित्व एवं कर्तव्यों की इतिश्री की जा रही हैं।
जिले में संचालित तमाम सरकारी स्कूलों की हालत यूँ तो अस्त व्यस्त हैं ही लेकिन सबसे ज्यादा भर्राशाही और शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ वन आँचल क्षेत्रो में देखा जा सकता है।

कुछ ऐसा ही ताजा मामला बजाग विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम तातंर में संचालित एकीकृत माध्यमिक विद्यालय का सामने आया है, यहाँ पर कक्षा 1 से लेकर 8 तक 163 बच्चे दर्ज है, जिन्हें पढ़ाने के लिए 2 नियमित शिक्षकों के साथ 5 अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। जब हमारे संवाददाता जब स्कूल परिसर में पहुंच कर शिक्षा व्यवस्था को लेकर नोनिहलो से बातचीत की तो पता चला कि दोनों नियमित शिक्षक आये दिन नदारत रहते हैं,सप्ताह में एक दिन आकर हाजरी भर कर पगार ले रहे हैं, इतना ही नही हेडमास्टर कुम्हार सिंह मरावी ने अपने भतीजे को नियम विरुध्द तरीके से अतिथि शिक्षक के पद पर नियुक्त करने के साथ ही अन्य 5 लोगो को नियम विरुध्द तरीके से नियुक्त कर शासन को पलीता लगा रहे हैं।
इतना ही नहीं, विद्यालय में 07 शिक्षक पदस्थ होने के बावजूद विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर निम्न है ,शिक्षकों की मनमानी और लापरवाही बरतने के कारण विद्यार्थियों का विद्यालय से मोहभंग होता जा रहा है, जिसके चलते 163 दर्ज संख्या होने के बावजूद कभी भी 40- 45 से अधिक बच्चे उपस्थित नही होते हैं।
इनका कहना है,,उक्त विद्यालय में नियुक्त अतिथि शिक्षकों ने सीएम हेल्पलाइन लगाकर नियुक्त करने की मांग किया था, सहायक आयुक्त के मौखिक निर्देश पर स्वीकृत पदों से अधिक की नियुक्ति की गई है, यदि मनमानी की जा रही हैं तो कल ही जनशिक्षक को भेजकर जांच कराता हूँ।तीरथ मरावी, बीईओ, बजाग