Dindori News, गोरखपुर। चौरादादर खारीडीह मार्ग से सोनतीरथ जाने वाले मार्ग की स्थिति बद्तर हो चुकी हैं वर्तमान में इसमें कई स्थानों पर डामर का पता नहीं चलता,पूरा मार्ग उबड़-खाबड़ होकर बड़े बड़े गढ्डों में तब्दील हो चुका हैं । मार्ग निर्माण के संबंध में सड़क किनारे लगे बोर्ड में लिखें जानकारी अनुसार यह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चौरादादर खारीडीह रोड से सोनतीरथ जाने वाले मार्ग लंबाई-11-56 KM लागत-48.94 लाख निर्माण पै-MP12 गारंटी अवधि पूर्णता तिथि- ठेकेदार द्वारा गारंटी की अवधि 5 वर्ष
ठेकेदार का नाम रखरखाव कार्य-संदीप राय बिछिया शहपुरा पैकेज क्र-MP12MTN067 कार्य प्रारंभ तिथि-22.12.2022 रखरखाव कार्य की अंतिम तिथि-21-12-2027 पांच वर्षों की रखरखाव कार्य की लागत-11-17 लाख क्रियान्वयन एजेंसी म.प्र.ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई डिंडौरी अंकित हैं। बावजूद इसके न तो नियमानुसार गढ्ढे भरें जा रहें और न ही अब तक समतलीकरण का प्रयास किया गया परिणामस्वरूप अनेकों लोगों ने इस मार्ग से आना जाना बंद कर दिया जबकि वनांचल वासियों को कठिनाइयों का सामना कर गंतव्यों तक आना जाना पड़ रहा क्षेत्रीय वासियों ने संवेदनशील कलेक्टर श्री हर्ष सिंह से इस समस्या पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए संबंधित ठेकेदार को आदेश जारी कर मार्ग को अविलंब दुरुस्त करने का निर्देश जारी करेंगे।
ग्रामीणों को मानना है कि इस मामले में जितना दोषी ठेकेदार है उससे कहीं ज्यादा क्षेत्र की जनप्रतिनिधि और जागरूक नागरिक हैं दरअसल क्षेत्रीय ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के समय ही गुणवत्ता को लेकर लामबंद हुए थे और ठेकेदार पर मनमानी के आरोप लगाए थे यदि इस समय ही निर्माण कार्य पर ध्यान दे दिया गया होता तो आज सड़क की यह स्थिति नहीं होती परिणाम स्वरूप गारंटी के पहले ही रोड उखड़ चुकी हैं ।

ग्रामीणों ने बातचीत में बताया कि यह मार्ग हमारे लिए बहुउपयोगी हैं जनपद से लेकर जिला तक जाने के लिए हम इसी रास्ते से आते जाते हैं। यघपि इस मार्ग की समय पूर्व दुर्दशा में जितना दोषी ठेकेदार कहलाएगा उससे अधिक क्षेत्र के नेता जनप्रतिनिधि भी है क्योंकि जब रोड निर्माणाधीन था तब क्षेत्र के लोगों ने इसके गुणवत्ता को लेकर लामबंद हो आवाज बुलंद किए थें लेकिन उस समय न तो विभाग ने ध्यान दिया और न ही हमारे वोट के मालिकों परिणामस्वरुप सड़क गारंटी के पहले ही उखड़ गई। ग्रामीणों ने इस बात पर जोर देकर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन को आसान बनाने के लिए गांव गांव सड़क का निर्माण किया गया लेकिन अधिकतर सड़कों में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए यह बड़ी उपलब्धि से कम नहीं कहलाता यघपि बार बार सरकार इतने बड़े बजट पास नहीं करते लिहाजा सड़क को फिर से उखाड़ कर बनाया जाएं।
कोई माई बाप नहीं –
ग्रामीणों ने सरकारी निर्माण कार्य के घटिया हालातों को देखते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले सरकारी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने तथा मानीटरिंग करने कोई नहीं आता हैं ठेकेदार की मनमानी भी हावी रहती हैं।एक प्रकार से निर्माण कार्यों का कोई माई बाप नहीं है अंधेर नगरी चौपट राजा जितना लगें उतना खाजा के कहावत को चरितार्थ करते निर्माण कार्य हैं।
आमजनता की चिंता नहीं किसी को –
इस क्षेत्र के नागरिक समय पूर्व सड़क की बद्तर स्थिति से निर्माणकर्ता, विभागीय अधिकारी कर्मचारी, तथा नेताओं की लापरवाह भूमिका को लेकर बेहद नाराज देखें जा रहें यह कहते हैं कि ठेकेदार को तो अपने फायदे से मतलब हैं लेकिन सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों को आमजनता के हित में सोचना चाहिए लेकिन किसी को चिंता करने की फुर्सत नहीं, लेकिन यह जरूर देखा गया कि चुनाव आते ही जनता से सारे रिश्ते नाते दुख दर्द अहसास अपनापन जिंदा हो जातें हैं और जैसे ही मतदान संपन्न हुआ दूसरे दिन से जनता की पूंछपरख खत्म फिर आपके दुख दर्द को पांच साल तक कोई देखने जानने नहीं आता। ग्रामीणों ने अपनी बातों को आक्रोशित लहजे में कहते हुए विभागीय अधिकारी और ठेकेदार के बीच सांठगांठ से घटिया निर्माण का आरोप लगाया है।
चोटिल हो रहें लोग –
जंगल क्षेत्र के सैकड़ों आमजन कर्मचारी छात्र छात्राओं को प्रतिदिन मुख्य मार्ग तक उनके गंतव्यों तक लेकर जाने वाले इस मार्ग में वर्तमान में आवागमन करना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है दरअसल सड़क पर जगह जगह बन आएं गढ्डे और डामर छोड़कर बाहर निकले नुकीले गिट्टियों के बीच से गुजरने पर लोग फिसलकर चोटिल हो रहें , वहीं ऐसे खराब रास्ते में वाहन चलाने से चालकों को अनेकों समस्याओं का सामना कर गाड़ी मालिकों को टायर पंचर,कल पुर्जों के खराब होने के रुप में अनावश्यक आर्थिक क्षति हो रही हैं। लिहाजा इस पर सुधार करना जरूरी हो गया है।