डिंडौरी, 26 नवम्बर 2024 | आज संविधान दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कलेक्ट्रेट ऑडिटोरियम में किया गया। उक्त कार्यक्रम में शहपुरा विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे, डिण्डारी विधायक श्री ओमकार मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रुद्रेश परस्ते, नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सारस, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अवधराज बिलैया, नगर परिषद उपाध्यक्ष श्रीमती सारिका नायक, कलेक्टर श्री हर्ष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह, श्री पंकज सिंह तेकाम, पार्षद श्री अविनीष राय, श्री ज्योतिरादित्य भलावी सहित विधि विशेषज्ञ वकील, जनप्रतिनिधि अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
संविधान दिवस कार्यक्रम में सामूहिक रूप से संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया एवं संविधान निर्माण के नायकों की कथा बताती वीडियो को प्रसारित किया गया। कार्यक्रम के तहत मौजूद अतिथियों ने संविधान निर्माण की गाथा, स्वतंत्रता के लिए किए प्रयास, संविधान की विशेषता, भारत की विविधता आदि पहलुओं पर उद्बोधन दिया। उद्बोधन में भारत राज्य की प्रकृति संप्रभुता, लोकतंत्र, समाजवाद, अखंडता, बंधुता, जैसे विचारों पर चर्चा की गई।
शहपुरा विधायक श्री ओमप्रकाश धुर्वे ने संबोधन में कहा कि संविधान निर्माताओं ने संविधान निर्माण के समय देश की भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक सहित सभी प्रकार की विविधताओं को समाहित कर देश के कोने-कोने से लोगों को संविधान निर्माण के लिए बुलाया गया। विधायक श्री धुर्वे ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदृष्टिता की तुलना आवर्त सारणी से करते हुए कहा कि जिस तरह आवर्त सारणी में भविष्य के तत्वों के लिए स्थान रिक्त छोड़ा था, उसी तरह डॉ. अंबेडकर जी ने संविधान में भविष्य को ध्यान में रखकर प्रावधानों को जोड़ा। गांधीजी के ग्रामराज्य, स्वराज्य और रामराज्य की संकल्पना संविधान में शामिल है।
डिण्डौरी विधायक भी ओमकार मरकाम ने अपने उद्बोधन में भारत के संविधान को सबसे खुबसूरत संविधान कहा और “हम भारत के लोग “शब्द की अवधारणा की सार्थकता पर अपने विचार रखे।
कलेक्टर श्री हर्ष सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी प्रकार प्रगति का आधार लोकतंत्र है,जिसकी आत्मा संविधान है। इसमें मानव जीवन से संबंधित सभी तत्व समाहित है। संविधान हम सबके लिए गाइडिंग टॉर्च अर्थात् पथप्रदर्शक है।
पुलिस अधीक्षक श्रीमती वाहनी सिंह ने अपने उद्बोधन में संविधान को हमारी सुरक्षा का आधार बताया। उन्होंने कहा कि हमारी प्रगति हमारी विविधता में है। संविधान से ही हमारी सुरक्षा है। हर नागरिक देश से है और देश संविधान से है।
भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज है, जो भारतीय नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और सरकार की शक्तियों को परिभाषित करता है।भारत का संविधान आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था, इसलिए हर साल आज के दिन को संविधान दिवस के रूप में मानते है। भारत के संविधान की प्रस्तावना संविधान का पहचान पत्र है जोकि भारतीय संविधान के उद्देश्यों और मूल्यों को परिभाषित करता है। संविधान में प्रदत्त मूल अधिकार नागरिकों को सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से सशक्त करते है,वहीं मूल कर्तव्य नागरिकों को देश के प्रति उनके कर्तव्यों का बोध कराते है। भारत का संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।