मध्यप्रदेश के डिंडौरी में हाथियों का उत्पात चरम पर है। सोमवार की शाम भी हाथियों का दल छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर गया था, लेकिन दो घंटे के बाद ही वह तेजी से एक बार फिर वापस लौट आया। हाथियों की दहशत इतनी कि ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं। हाथियों का दल चकमी, बोयरा और दलदल कपोटी गांव में घुसा।
डिंडौरी न्यूज़। जिले के पश्चिम करंजिया वन परिक्षेत्र के कई गांव में फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथियों का दल तेजी से वन परिक्षेत्र पूर्व करंजिया की ओर बढ़ रहे हैं। हाथियों का उत्पात मंगलवार को भी कम होता नजर नहीं आ रहा है।
घर में रखे राशन को भी हाथियों ने खाया
सोमवार की रात हाथियों ने बोयरा सहित दलदल कपोटी और चकमी गांव में फसलों को प्रभावित करने के साथ मकान को भी क्षतिग्रस्त किया है। ग्राम बोयरा में खेत,खनिहाल की फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ घर में रखे राशन को भी हाथियों ने खाया।गोकुल दास के कच्छे मकान को भी तोड़ दियाघर में उत्पात मचाने के बाद हाथियों का दल दलदल गांव में गोकुल दास के कच्छे मकान को भी तोड़ दिया। चार हाथियों का दल गुरुवार की सुबह से ही छत्तीसगढ़ से डिंडौरी जिले की सीमा में प्रवेश किया था। तभी से लगातार अलग-अलग गांव में धान की फसलों के साथ भवनों को भी हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।

हाथियों से बचने के लिए की जा रही कवायद
वन विभाग का अमला ग्रामीणों को सतर्क करने में जुटा हुआ है। राहत की बात यह है कि अब तक कोई भी जनहानि नहीं हो सकी है। प्रधानमंत्री योजना के तहत बने पक्के आवासों में रहने के लिए कहा है।
चकमी में कृष्ण सिंह मरावी, जगमोहन सिंह, श्याम सिंह फसलें नष्ट की ।

दो घंटे के लिए जिले की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ में प्रवेश
बताया गया कि सोमवार की शाम भी हाथियों का दल दो घंटे के लिए जिले की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर गया था। यद्यपि कुछ समय बाद ही वह तेजी से एक बार फिर वापस लौट आया।
पद चिन्ह के आधार पर हाथियों की तलाश में वन विभाग जुटा
हाथियों के दल की दिशा पश्चिम करंजिया वन की जगह पूर्व वन परिक्षेत्र करंजिया की ओर हो गई है। पद चिन्ह के आधार पर हाथियों की तलाश में वन विभाग काअमला जुटा हुआ है।
प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को मुआवजा देने की पहल
बताया गया कि प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को मुआवजा देने की पहल की गई है। गौरतलब है कि कलेक्टर ने एक दिन पहले सोमवार को ही प्रभावित क्षेत्र का अधिकारियों के साथ दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे।
इनका कहना हैं,,,हाथी तेजी से छत्तीसगढ़ की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं। यद्यपि वे अभी भी जिले की सीमा में ही है। हाथियों ने अब तक छह मकान को अधिक क्षतिग्रस्त करने के साथ लगभग दो दर्जन किसानों की फसलों को बुरी तरह तबाह किया है।प्राची मिश्रा, रेंजर