Home / Dindori News : धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं  जयंती पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का  आयोजन

Dindori News : धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं  जयंती पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का  आयोजन

डिंडौरी, 15 नवम्बर 2024 | धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का जिला स्तरीय ...

Photo of author

Chetram Rajpoot

Post date

Chetram Rajpoot

Published on:

डिंडौरी, 15 नवम्बर 2024 | धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा स्टेच्यु परिसर झुरकी टोला पुरानी डिंडौरी में आयोजित किया गया। भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में प्रतिवर्ष जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन पूरे देश में किया जाता है। भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को ग्राम उलिहातु  झारखंड में हुआ। भगवान बिरसा मुंडा के जनजातीय वर्ग के लिए किए गए कार्यों और योगदान के लिए उन्हें आज भी सम्मान पूर्वक याद किया जाता है। जिला स्तरीय कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। जिसके बाद सभी अतिथियों ने विभागीय योजनाओं का अवलोकन किया जिला प्रशासन द्वारा जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए संचालित योजनाओं को प्रदर्शित किया गया। जिसमें जनजातीय कार्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कृषि विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, श्रम विभाग , वन विभाग, स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग, पशुपालन विभाग सहित अन्य विभागों की प्रदर्शनी का अवलोकन अतिथियों ने किया।

 

      कार्यक्रम के दौरान कन्या पूजन कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में जनजातीय कला और संस्कति को प्रदर्शित किया गया। जिसमें  लोक नृत्य  एवं परंपरागत लोक वाद्य यंत्र गुदुम बाजा की प्रस्तुति दी गई। अतिथियों के उद्बोधन के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को लाइव प्रसारण के माध्यम से सभी मौजूद गणमान्य नागरिकों ने सुना। उक्त कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बिहार के जमुई से किया गया।

     भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय लोगों का प्रतीक है। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय गौरव बढाने के लिए जा संघर्ष किया है। उस संघर्ष के प्रतीक के रूप में आज जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिवस जनजातीय वीरों को याद करने का दिन है। गोंडवाना की रानी दुर्गावती ने मुगलों से संघर्ष कर अपनी भूमि की रक्षा की। जल संवर्धन के लिए रानी दुर्गावती के द्वारा कई नहरों का निर्माण इस प्रकार किया गया जिससे नगरों में बाढ की स्थिति न हों और पेयजल आपूर्ति भी बनी रहे। उनके द्वारा जबलपुर में 52 तालाब बनाए गए जिसमें चेरीताल और आधारताल प्रमुख हैं। जल शोधन के लिए उन्होंने तालाबों में मांगुर मछली को सोने की नथनी पहनाकर तालाबों में छोडा। मांगुर मछली जल शुद्धिकरण के लिए जानी जाती है, जिससे शुद्ध जल मिलता रहे। ऐसे वीरों को याद करने के लिए जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा ऐसे जननायकों को याद किया जा रहा है जिन्होंने जल जंगल जमीन और अपनी मातृभूमि के सर्वोच्च योगदान दिया है।

 

RNVLive

Related Articles