डिंडौरी। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा आदिवासी विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एकलव्य विद्यालय की स्थापना की गई हैं, जिससे आर्थिक तौर असक्षम,वंचित वर्ग के बच्चों को आवसीय सुविधा के साथ अध्ययन के लिए बेहतरीन माहौल मिल सके,लेकिन डिंडौरी जिला मुख्यालय में संचालित एकलव्य आवसीय विद्यालय एक तो अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित किया जा रहा है वही नियमित शिक्षक भी हेकड़ी दिखाते हुए मनमानी करने पर तुले हुए हैं। यूँ तो एकलव्य विद्यालय की व्यवस्था लंबे समय से अख़बार की सुर्खियों में है, जिसको लेकर मानवाधिकार आयोग ने भी कलेक्टर से रिपोर्ट तलब की है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन द्वारा समुचित कदम नही उठाया गया है।

छात्रों ने लगाये अनुत्तीर्ण करने के गंभीर आरोप
कक्षा 11 वी के छात्र गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर शिकायत दर्ज कराते हुए उत्तर पुस्तिकाओं की नए सिरे से जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने शिकायत में उल्लेख किया है कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र हैं, पूर्व में हम लोगों के द्वारा संस्था में शिक्षकों की कमी एवं पढ़ाई ठीक से न होने के संबंध में शिकायत की गई थी। उन्हीं सभी कारणों से संस्था में कार्यरत शिक्षिका श्रीमति मंजूसिंह एवं संदीप गोरखेड़े के द्वारा कक्षा ग्यारहवीं के मुख्य परीक्षा 2024 की उत्तरपुस्तिकाओं में हेर फेर किया गया है। जिससे 14 छात्र अनुत्तीर्ण हो चुके हैं, इस विषय को लेकर छात्र आदित्य के द्वारा विद्यालय में मंजू सिंह से चर्चा की गई तो उन्होंने उसकी उत्तरपुस्तिका दिखाई जिसमें छात्र आदित्य के उत्तरपुस्तिका नहीं थी एवं कोरी उत्तरपुस्तिका लगी हुई थी। जिससे हम सभी छात्रों को संदेह है कि हमारी उत्तरपुस्तिकाओं से छेड़छाड़ की गई है। उक्त शिक्षिका के द्वारा पूर्व में भी हम सभी छात्रों को कहा जाता रहा है कि तुम इस वर्ष पास कैसे होते हो देखती हूँ। कलेक्टर के नाम किये गए शिकायत में छात्रों ने माँग की है कि उत्तरपुस्तिकाएं की उच्च स्तरीय जांच कराएं, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जा सके।
मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
एकलव्य आवासीय विद्यालय में व्याप्त तमाम तरह के अनियमितताओं सहित अन्य मामलों को लेकर मानव अधिकार आयोग में आम नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज कराते हुए जिला प्रशासन पर ढुल मुल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई हैं, उक्त शिकायत को आयोग ने अगस्त 2023 में जिला प्रशासन को अग्रेषित कर समुचित कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिए थे किंतु आज तक मामले की जांच नही हुई है।