Dindori Corruption News, डिंडौरी न्यूज़। समनापुर जनपद पंचायत के समीपी ग्राम पंचायत सुंदरपुर में बड़े पैमाने पर जन कल्याणकारी योजनाओं में गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है, ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच एवं वर्तमान सरपंच के द्वारा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियम निर्देशो को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही हैं।
ग्राम पंचायत को आवंटित फंड और योजनाए सिर्फ सरपंच के घर तक सिमटती हुई नजर आ रही हैं,मनरेगा योजना हो या अन्य योजना का लाभ सिर्फ सरपंच के रिश्तेदारों को मिल रहा है, जो गाँव के वंचित पिछड़े और गरीब है उन्हें किसी भी तरह से लाभ नही मिल रहा है। वर्षो से सुंदरपुर में जमे ग्राम पंचायत सचिव नारायण बघेल सरपंच के इशारे पर तमाम अवैधानिक कार्य कर रहे हैं जिसके अनेको उदाहरण सामने है।
– वाणिज्यिक कर दाता सेठ को मनरेगा में बनाया मजदूर, हितग्राही मुलक योजना से किया लाभान्वित
वर्ष 2020 में रोजगार गारंटी योजना के तहत पूर्व में जनपद सदस्य रहे सुरेश बर्मन पिता बलिराम के नाम खेत तालाब हेतु 2 लाख 88 हजार रु स्वीकृत करते हुए नियम विरुद्ध लाभान्वित किया गया जबकि सुरेश बर्मन के नाम पर वाणिज्य कर विभाग में जीएसटी नम्बर 23AYXPB0252C2ZV दर्ज है,आयकर दाता और वाणिज्यिककर दाताओं का नाम बीपीएल सूची के साथ ही जॉबकार्ड से हटाये जाने का प्रावधान है क्योंकि हितग्राही मुलक योजना का लाभ उन लोगो को दिया जाता है जो गरीबी रेखा से नीचे आते हैं और जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी प्रदान करते हुए गरीबी कम करना है लेकिन पंचायत के कारिंदे मनमानी करते हुए सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं।

इसी तरह वर्तमान सरपंच के देवर एवं पूर्व सरपंच के भाई राजकुमार धुर्वे पिता मन्नू ग्राम सुंदरपुर के नाम पर मनरेगा योजना अंतर्गत खेत तालाब के नाम 2020 में 2 लाख 91 हजार 163 रु स्वीकृत कर व्यय किया गया है, जबकि राजकुमार धुर्वे के नाम पर वाणिज्य कर विभाग में जीएसटी नम्बर 23CRGPD9069R2Z2 M/S MS MATERIALE SUPPLIERS दर्ज हैं, जिन्हें ग्राम पंचायत सुंदरपुर से प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये सामग्री के नाम पर भुगतान किया जा रहा है, जो पूरी तरह अवैधानिक हैं, अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए मनरेगा योजना में लाभ लेने के लिए प्रावधान है कि हितग्राही का सालाना आमदानी 2 लाख रुपये से अधिक नही होनी चाहिए ।
जानकारों की माने तो राजकुमार धुर्वे समनापुर के बड़े कपड़ा व्यापारी हैं,इनके द्वारा कभी भी रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी का काम नही किया गया है, लेकिन सरपंच की कृपा से ये महोदय दुकान में बैठकर मेढ़ बांध और खेत तालाब में काम कर रहे हैं। वर्ष 2017 से 2023 तक सैकड़ो कार्य दिवस का फर्जी मस्टर जारी कर सप्लायर को लाभान्वित किया गया है, इस तरह से रोजगार गारंटी योजना में समुचित निगरानी न होने के चलते भर्राशाही का आलम चरम पर हैं..?
इनका कहना है,,,
मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, पता कर बताता हूँ।
नारायण बघेल, ग्राम पंचायत सुंदरपुर
मटेरियल सप्लायर किसी भी हालात में मनरेगा में मजदूरी नही कर सकते, यदि ऐसा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी ।
सीपी साकेत, सीईओ, जनपद पंचायत समनापुर