Home / कलेक्टर के निर्देशन में मेकलसुता कॉलेज परिसर में भविष्य का मार्गदर्शन करने के लिए कैरियर काउंसलिंग का आयोजन

कलेक्टर के निर्देशन में मेकलसुता कॉलेज परिसर में भविष्य का मार्गदर्शन करने के लिए कैरियर काउंसलिंग का आयोजन

  डिंडौरी |  12वीं के छात्रों को एक सही दिशा में उचित कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन हेतु कैरियर काउंसलिंग में विभिन्न ...

Photo of author

Chetram Rajpoot

Post date

Chetram Rajpoot

Published on:

 

डिंडौरी |  12वीं के छात्रों को एक सही दिशा में उचित कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन हेतु कैरियर काउंसलिंग में विभिन्न विधाओं के बारे में विषय विशेषज्ञों के द्वारा जानकारी दी गई। उक्त काउंसलिंग में मेडीकल, इंजीनियरिंग, कला, लोकसेवा, तकनीक, प्रबंधन, कानून, आदि विधाओं के बारे में विस्तार से विद्यार्थियों को बताया गया। कार्यक्रम के संयोजन उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य एस.के.द्विवेदी एवं आयोजन मेकलसुता कॉलेज के प्राचार्य बी.एल.द्विवेदी ने किया।

कलेक्टर विकास मिश्रा ने विद्यार्थियों को आत्म मूल्यांकन कर एक सही कैरियर बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आप अपने स्वयं का मूल्यांकन अपनी अभिक्षमता को समझकर करें जिससे भविष्य के लिए कैरियर निर्धारण करना आसान होगा। अपनी कमजोरी और ताकतों को समझते हुए अवसरों का लाभ उठाएं। अपने आपको समय दें और स्वयं को समझें। अपनी हॉबी पर ध्यान देते हुए मार्ग की बाधाओं से बचें। एक स्मार्ट नीति अपनाते हुए पढाई के दौरान होने वाले दबाव को कम करने का प्रयास करें। तथा अपनी गलतियों से सीखें जिसके लिए एक नियमित दिनचर्या और समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें।

संयुक्त कलेक्टर सुश्री भारती मेरावी ने विद्यार्थियों को लोक सेवा आयोग के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा कोई भी व्यक्ति 21 वर्ष की आयु और किसी भी स्नातक डिग्री के बाद दे सकता है। जिसमें तीन चरण प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार होते हैं। जिसके बाद विद्यार्थियों को विभिन्न विभागों में प्रशासनिक जिम्मेदारी प्राप्त होती है। इस परीक्षा में सफलता के लिए धैर्य और संयम के साथ तैयारी आवश्यक है।

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर आयुष मिश्रा ने विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि गणित विषय के छात्र 12वीं के बाद जेईई परीक्षा में बैठकर आईआईटी, आईआईएसईआर, एनआईटी, आईआईएसटी एवं अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पा सकते हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं। और क्षेत्र विशेष में शोध कार्य भी किए जा सकते हैं।

नागपुर से कैरियर काउंसलर एवं प्रशिक्षक वैष्णवी डॉर्लीकर ने विद्यार्थियों को STEM तकनीक के बारे में बताया। जो कि विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और प्रबंधन को इंगित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी क्षमता और कमियों पर काम करते हुए अवसर पैदा करने के लिए मार्गदर्शित किया। उन्होंने बताया कि पारंपरिक कैरियर विकल्पों के अलावा भी विभिन्न क्षेत्र जैसे होटल मैनेजमेंट, मानव संसाधन आदि क्षेत्रों में कैरियर बनाया जा सकता है। जिसके लिए एक उचित रणनीति पर कार्य करना आवश्यक है।

जिले के प्रतियोगी परीक्षा के मार्गदर्शक  मनोज चौकसे ने विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा के बाद सरकारी क्षेत्र में मौजूद विकल्पों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद भी सरकारी नौकरियों में एसएससी, रेल्वे, पोस्ट ऑफिस आदि विभागों में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त करने पर कैरियर के बहुत से विकल्प खुल जाते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में कोई भी विद्यार्थी भाग ले सकता है। जिसमें सामान्य ज्ञान, गणित, और रीजनिंग आवश्यक विषय होते हैं।

मेकलसुता कॉलेज के उप प्राचार्य  दीक्षित ने विद्यार्थियों को कला क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया उन्होंने बताया कि कला क्षेत्र से लोक सेवा स्कूल शिक्षक, कॉलेज प्रोफेसर, पुरातत्ववेदा, भूगर्भशास्त्री जैसे क्षेत्रों में उज्जवल भविष्य की संभावना होती है।

एलडीएम  रविशंकर ने विद्यार्थियों को बैंकिग क्षेत्र में कैरियर बनाने से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैंकिग परीक्षाओं के लिए अंग्रेजी, गणित, रीजनिंग और सामान्य जागरूकता आवश्यक होती है। जिसे निरंतर प्रयास से पूर्ण किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त अन्य विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों ने डिप्लोमा, डिग्री, मास्टर के बारे में जानकारी दी और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स, मौसम विज्ञान, कानून, सेना आदि विषयों के बारे में बताया गया। विशेषज्ञों के द्वारा सामान्य रूप से अध्ययन करने के लिए विद्यार्थियों को सामान्य ज्ञान, गणित और रीजनिंग पुस्तकें निरंतर पढने की सलाह दी जिससे उनका सामान्य जागरूकता स्तर बढ जाए। विद्यार्थियों को किसी भी परीक्षा में शामिल होने के लिए मुख्य रूप से दो बिन्दुओं पाठ्यक्रम और परीक्षा से संबंधित पुराने प्रश्न पत्रों को पढने के लिए सलाह दी। जिससे परीक्षा की मांग को समझा जा सके।

 

RNVLive

Related Articles