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Dindori News : शोभापुर बांध निरस्त कराने किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले महापंचायत का आयोजन

- व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद कर दिया समर्थन

 डिंडौरी । डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड अंतर्गत कस्बा गोरखपुर में शुक्रवार को किसान संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में शोभापुर बांध को निरस्त कराने हेतु किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल होने डिंडौरी व अनुपपुर जिले के डूब प्रभावित क्षेत्रों से सैकड़ों ग्रामीण,किसान व आमजन महिला पुरुष मंडी प्रांगण में एकत्र होकर विरोध दर्ज कराया शुक्रवार को बांध विरोधी महापंचायत को कस्बा के व्यापारी बंधुओं ने भी समर्थन देते हुए पूरे दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखें, हरि सिंह मरावी ने कहा कि ग्रामसभा और पेसा एक्ट स्वयं प्रभावशाली हैं उन नियमों का अध्ययन कर लिया जाएं और पंचायत की ग्रामसभा में लिए गए निर्णय सर्व मान्य होता हैं, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं दिख रहा हैं जबरदस्ती थोपने की प्रक्रिया हैं। गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने सभा को संबोधित करते हुए अन्य स्थानों का उदाहरण देते हुए कहा कि आदिवासी की जमीन अन्य व्यक्ति नहीं खरीद सकता तो सरकार भी बिना किसानों कि सहमति के जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकता। बावजूद इसके बांध बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है यह सरासर गलत हैं। हम इसमें नियमानुसार लड़ाई लड़कर इसे निरस्त करवाएंगे और यह निरस्त होकर रहेगा। हमनें दूसरे क्षेत्रों में इस तरह के समस्याओं का सामना कर सफलता प्राप्त किया हैं।

ओजस्वी वक्ता राधे श्याम कोकड़िया ने संविधान तथा पेसा एक्ट के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि हमें इन नियमों के तहत अधिकार दिया गया हैं लेकिन प्रशासन उन नियमों का वास्तविक परिपालन नहीं कर रहा हैं यघपि हम इसकी लड़ाई विधिसम्मत तरीके से नियमानुसार लड़ेंगे और जीतेंगे प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन डूब प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को गुमराह कर रहा हैं यह हमारे पूर्वजों की जमीन हैं हम इसे किसी कीमत पर बांध के लिए नहीं देंगे। चरणसिंह धुर्वे ने कहा कि पंचायत क्षेत्र अंतर्गत समस्त निर्माण कार्यों के लिए ग्रामसभा की स्वीकृति, अनुमति,और मंजूरी, चाहिए यह स्वयं प्रभावशाली इसलिए डूब प्रभावित क्षेत्रों के पंचायतों में बांध विरोधी प्रस्ताव पारित कर दिया गया हैं हम नियमानुसार इस की लड़ाई लड़कर बांध अवश्य निरस्त कराएंगे।

 

– ज्ञापन के माध्यम से किसानों की मुख्य माॅगें
अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर का निर्माण पूर्व में मध्यप्रदेश शासन केबिनेट ने लंबी कानूनी लड़ाई व अन्य विषयों को लेकर निरस्त कर दिया था. उस समय भू अर्जन अधिनियम 1894 के अधीन कार्यवाही की गई थी। लेकिन वर्तमान में पुनः अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर निर्माण का प्रोजेक्ट नवीन बजट के साथ शासन ने प्रस्तावित किया है, लेकिन परियोजना प्रस्ताव के पूर्व प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की सहमति व ग्रामसभाओं की सहमति क्यों नहीं ली गई ? भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 4, 5, 6 का परिपालन नहीं किया गया है, प्रभावित क्षेत्र का सामाजिक सामाधात निर्धारण रिपोर्ट तैयार नहीं किया गया, जिससे यह ज्ञात नहीं हो रहा है कि प्रोजेक्ट की लागत व सामाजिक सामाघात, भूमि अर्जन एंव पुर्नवास तथा अन्य व्यय का तुलनात्मक अध्ययन क्या है। सामाजिक सामाघात की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद ही यह प्रोजेक्ट की स्वीकृति हेतु भेजा जाना था, भूमि अर्जन 2013 की धारा 7 की उपधारा (4) ष्खष् में यह स्पष्ट है कि भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 4 (ख) में स्पष्ट है कि परियोजना के सामाजिक खर्च और प्रतिकूल सामाजिक समाघातों की तुलना में संभाव्य फायदे अधिक नहीं है,तो वह उसके गठन की तारीख से दो मास के भीतर इस आशय की सिफारिश करेगी कि परियोजना का तुरंत परित्याग कर दिया जाए और उसकी बाबत भूमि का अर्जन करने के लिए कोई और कदम नहीं उठाए जाएं ।

परंतु ऐसी सिफारिश के आधारों को, विशेषज्ञ समूह द्वारा उसके ब्यौरे और ऐसे विनिश्चय के लिए कारण देते हुए, लेखबद्ध किया जाएगा। परंतु यह और कि जहां समुचित सरकार, ऐसी सिफारिशों के बावजूद, अर्जन की कार्यवाही करना चाहती है तो वह यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे करने के उसके कारण लेखबद्ध किए जाएं।ष् उक्त परियोजना में भूमि अर्जन अधिनियम का उल्लघंन किया गया है। भू अर्जन, पुर्नवासन और पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिनियम 2013 की धारा 41 में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति को नहीं हटाया जायेगा, अगर आवश्यक है तो कम संख्या में विस्थापन किया जायेगा। अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर निर्माण स्थल एंव डूब प्रभावित क्षेत्र विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ जिला अनुपपुर एंव सम्पूर्ण डिण्डौरी जिला में संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के तहत इन क्षेत्रों में संविधान की पांचवी अनुसूची लागू है पांचवी अनुसूची के पैरा 2 में अनुसूचित क्षेत्रों में किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति इस अनुसूची के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार उसके अनुसूचित क्षेत्रों पर है, लेकिन पांचवी अनुसूची का उल्लंघन किया जा रहा है। अपर नर्मदा परियोजना प्रभावित क्षेत्र में पंचायत क्षेत्र विस्तार अधिनियम 1996 व पेसा नियम मध्यप्रदेश 2022 लागू है, जिसमें प्रत्येक ग्राम की ग्रामसभा को विशेषाधिकार प्राप्त है, ग्राम सभाओं की विशेष शक्तियों का निर्वचन करते हुए भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा 2013 में दिए गए फैसले व्तपेें उपदपदह ब्वतचवतंजपवद अे न्दपवद व िप्दकपं में कहा गया है कि ष्दवजंइसल जीम बवनतज ेंले दवजीपदह ंइवनज ंदलवदम ींअपदह जीम चवूमत जव वअमततनसम जीम हतंउ ेंइीं-ष् अर्थात विशेष रुप से उत्त्वचतम न्यायालय का कहना है कि किसी भी प्राधिकारी के पास इतनी शक्ति नहीं कि वह ग्राम सभा के किसी भी फैसले को नामंजूर कर सकें। उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले के तहत किसी भी प्राधिकारियों को ग्राम सभाओं द्वारा दिए गए सुसंगत निर्णयों के विरुद्ध कार्रवाई करना ग्राम सभाओं का उल्लंघनएवं उच्चतम न्यायालय का अवमानना (ब्वदजमउचज व िब्वनतज) होगा ।

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परियोजना प्रभावित क्षेत्र में वन अधिकार मान्यता कानून 2006 की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है, जबकि प्रत्येक ग्राम में वन अधिकार ग्रामसभा है, वन अधिकार मान्यता कानून का भी परियोजना निर्माण में उल्लंघन किया जा रहा है। जिला डिण्डौरी में ग्राम शोभापुर और ग्राम परसवाह के मध्य नर्मदा नदी के किनारे आदिवासी एवं समस्त दक्षेत्र के परंपरागत निवासियों की अराध्य देवी करम श्री कस्बे मटटा जी का स्थान है, जो क्षेत्र के समस्त देवी देवताओं का मुख्यालय माना जाता है, क्षेत्र के साथ ही अन्य राज्य के लोग भी अपनी आस्था लेकर यहां आते है जो कि जल मग्न हो जायेगा। लाखों करोडो की आस्था का परियोजना निर्माण में ध्यान नहीं रखा गया है। जिला अनुपपुर के विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के ग्राम बिलासपुर नर्मदा नदी के किनारे देश की सबसे बड़ी जनजाति गोंड जो कि देश के 10 राज्यों में करोडो की जनसंख्या में है उनके अराध्य गुरू पारीकुपार लिंगों जी का तपस्थल लिंगों पहाड़ स्थित है. बांध निर्माण से लिंगो पहाड़ के चारों और भी पानी भर जायेगा, जिसमे करोड़ो आदिवासियों की आस्था आहत होगी, परियोजना प्रस्ताव में करोड़ो आदिवासियों की आस्था का ध्यान नहीं रखा गया है।

 

नर्मदा नदी के किनारे सिवनी संगम में कल्प वृक्ष लगा हुआ है, जिसके संरक्षण में प्रशासन द्वारा करोड़ों रूपये खर्च किए जाते है, यह वृक्ष देश में एक दो जगह ही है. परियोजना निर्माण से यह वृक्ष नष्ट हो जायेगा। जैव विविधता एंव पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कल्प वृक्ष को ना डुबाया जागे। डूब क्षेत्र की समस्त भूमि उपजाऊ भूमि है. जिले में कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा राजस्व कृषि मण्डी में इसी क्षेत्र से आता है, लेकिन परियोजना निर्माण में उपजाऊ भूमि को बंजर भूमि बताकर परियोजना प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो कि असंवैधानिक व अवैध है। भूकंप भू गर्भीय क्षेत्र है, साथ ही कोई भी नदी के उदगम क्षेत्र के समीप अगर बांध का निर्माण किया जाता है तो नदी के स्त्रोत बंद हो जाते है, तथा नर्मदा नदी के दोनो और जैव विविधता से पूर्ण कंद मूल जड़ी बुटी पाई जाती है वे सभी जलमग्न हो जायेगें। परियोजना निर्माण ऐजेंसी नियुक्त करने के पूर्व ग्रामसभा सहमति व सामाजिक सामाघात की प्रक्रिया पूर्ण करनी थी जो कि नहीं की गई वर्तमान में परियोजना संबधित की गई समस्त प्रक्रिया असंवैधानिक है। कण्डिका कमांक 01 से 13 तक किसान महापंचायत में लिए गए निर्णय अनुसार न्यायोचित कार्यवाही हेतु आपकी और अग्रेषित है। यह कि क्षेत्र मेंसंवैधानिक प्रक्रियाओं के तहत ही कोई भी कार्यवाही की जावे। हम सभी परियोजना के विरोधी नहीं है लेकिन अनुसूचित क्षेत्र में विस्थापन विहिन परियोजनाओं का निर्माण किया जावे, आंशिक विस्थापन के पक्षधर हम सभी किसान है, लेकिन बडे पैमाने पर हो रहे विस्थापन के हम किसान पक्षधर नहीं है और ना ही ग्रामसभा सहमत है।

 

ये रहें उपस्थित

अमान सिंह पोर्ते,हरि सिंह मरावी,जयस प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम,जनपद उपाध्यक्ष गीता पट्टा जनपद सदस्य शशि हस्तपुरिया,सरपंच गोरखपुर रामेश्वरी मार्को मुसामुंडी सरपंच कपिल आर्मो, गोंडवाना नेता दीपक धुर्वे, उदल सिंह मरावी, कस्बा के मुकद्दम लल्लू तेकामलखन साहू,राजाराम तिवारी,ये रहें उपस्थित -अमान सिंह पोर्ते,हरि सिंह मरावी,जयस प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम,जनपद उपाध्यक्ष गीता पट्टा जनपद सदस्य शशि हस्तपुरिया,सरपंच गोरखपुर रामेश्वरी मार्को मुसामुंडी सरपंच कपिल आर्मो, गोंडवाना नेता दीपक धुर्वे, उदल सिंह मरावी, कस्बा के मुकद्दम लल्लू तेकामलखन साहू,राजाराम तिवारी, राकेश मरावी ज्ञान सिंह तेकाम,ददन धुर्वे,मोहतरा सरपंच लक्ष्मी टेकाम, शालिनी मरावी,सत्य नारायण कुशराम, रितेश तेकाम,सुरेश मसराम, देवानंद नेटी, सहित सैकड़ों महिला पुरुष तथा पुलिस विभाग से एसडीओपी केके त्रिपाठी,गाड़ासरई थाना प्रभारी दुर्गा प्रसाद नगपुरे,बजाग थाना से एस आई अशोक तिवारी सहित पुलिस बल तैनात रहें। राकेश मरावी ज्ञान सिंह तेकाम,ददन धुर्वे,मोहतरा सरपंच लक्ष्मी टेकाम, शालिनी मरावी,सत्य नारायण कुशराम, रितेश तेकाम,सुरेश मसराम, देवानंद नेटी, सहित सैकड़ों महिला पुरुष तथा पुलिस विभाग से एसडीओपी केके त्रिपाठी,गाड़ासरई थाना प्रभारी दुर्गा प्रसाद नगपुरे,बजाग थाना से एस आई अशोक तिवारी सहित पुलिस बल तैनात रहा। कार्यक्रम का संचालन गोंगपा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र तेकाम ने किया।

 

 

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Chetram Rajpoot

वर्ष 2010 से जमीनी स्तर पर खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं, भेदभाव से परे न्याय, समानता, भाईचारा के बुनियादी उसूलों के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति की आवाज शासन - प्रशासन तक पहुंचाने प्रतिबद्ध हैं।

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