डिंडौरी न्यूज़। हमारा महान और दुनिया के सबसे विशाल संविधान में एक एक व्यक्ति की गरिमा, स्वाभिमान, और स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार उल्लेखित एवं सुरक्षित हैं…लेकिन अमृत काल के इस दौर में भीड़ तंत्र स्वयं को संविधान से ऊपर मानने लगे हैं, संविधान की शपथ लेने वालों को वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है, सत्ता संरक्षित तत्व जो कह दें वहीं अटल सत्य है…? भानपुर में मुस्लिम के घर फहराये गए धार्मिक झण्डे को फिलस्तीनी झंडा बनाकर प्रचारित किया गया जबकि फिलिस्तीन का अलग विशिष्ट राष्ट्र ध्वज हैं, स्थानीय लोगों के शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में जुटी हैं। वही आरोपी मेहरुद्दीन मंसूरी ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर कलमा लिखा हुआ इस्लामिक धार्मिक झंडे को विरोधियों द्वारा भ्रामक तौर पर फिलिस्तीनी झंडा प्रचारित कर बदनाम करने का आरोप लगाया है।
– यह हैं मामला
समनापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 17 सितम्बर को भानपुर निवासी मेहरुद्दीन मंसूरी पर फिलिस्तीनी झंडा फहराया जाने के आरोप में देश और विरोधी बीएनएस की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया हैं। शिकायत पर आवेदन पत्र रजिस्टर के आवक क्रमांक 491/2024 दिनाँक 17/09/2024 में इन्दाज किया कर अनावेदक मेहरुद्दीन के विरूध्द प्रथम दृष्टया धारा 197 (2),351 (2) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया हैं। शिकायत कर्ता हरिओम पिता फुंदीलाल यादव उम्र 40 साल नि. यादव मोहल्ला ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि में भानपुर थानो समनापुर का रहने वाला हूँ, खेती किसानी व मजदूरी का काम करता हूँ, दिनाँक 17/09/24 को सुबह करीबन 10:30 बजे ग्राम के कमलेश यादव की दुकान में किराना समान लेने गया था वहीं पर ग्राम के उदयचंद यादव, राजेश यादव, कोमल यादव, शिवकुमार यादव, जागेश्वर यादव, योगेश यादव, दिनेश यादव, सोमकुमार यादव, सहदेव यादव, नितेश यादव आदि लोगो के साथ खड़ा था।

हम सभी ने देखा कि किराना दुकान के सामने वाले मेहरूद्दीन मुसलमान ने अपने घर के सामने आंगन में फिलिस्तीन देश का झंडा बांस मे लगाकर लहराया है, मौके पर उदयचंद यादव ने अपने मोबाइल से मेहरूद्दीन मुसलमान के घर के आंगन में फिलिस्तीन का लहराता हुआ झडा का विडियो बनाया है। मेहरूद्दीन ने ईद मिलान उन नवी के त्यौहार में अपने घर के आगन में फिलिस्तीन का झंडा लहराया है।
जिससे समस्त ग्राम वासियो में शत्रुता एवं वेमनश्य, घृणा व गांव मे अलगाववाद की भावना उत्पन्न हुई है, एवं मेरी व समस्त देशवासियो की भावना को ठेस पहुँचाया है। हम लोगो ने मेहरूद्दीन से कहा कि भारत मे रहते हो और विदेशी झंडा लगाते हो तो उसने फिलिस्तीन का झण्डा निकालकर दूसरा धार्मिक झण्डा लगाकर हमे बोला कि मै फिर फिलिस्तीन का झण्डा लगाऊँगा जरूरत होगी तो जुलूस में भी इस झण्डे को लहराउँगा, देखता हूँ मुझे कौन रोकता है। रोकने वालो को छोड़ेंगा नही। इस तरह के शिकायत मिलते ही समनापुर पुलिस ने आनन फानन में आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना में लिया है।
– मुस्लिम ने घर में फहराया धार्मिक या फिलिस्तीनी झंडा….?
अब मुख्य सवाल यह है कि क्या वाकई में मेहरुद्दीन मंसूरी मुसलमान ने फिलिस्तीन का झंडा फहराया कर भारत और संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा और विधि पर श्रृद्धा नही रखने की कोशिश की हैं…?
मामले को लेकर बोदी मीडिया और तथाकथित सांप्रदायिक ताकतों ने सुबह से सोशल मीडिया में मेहरुद्दीन मंसूरी के घर में लगे झंडे का विडियो प्रसारित कर मुस्लिम कौम को फिलिस्तीन सरपरस्त प्रचारित करना शुरु कर दिया था, दावे के साथ धार्मिक झंडे को फिलिस्तीन का झंडा बता बखेड़ा खड़े किए हुए थे, लेकिन उच्च शिक्षित कथित देशभक्त और धर्म के ठेकेदारों ने एक बार भी फिलिस्तीन के राष्ट्रीय ध्वज की हकीक़त जानने की कोशिश नही की… प्रत्येक राष्ट्र में राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में संहिता तय होती हैं, राष्ट्रीय प्रतीकों में विशिष्ट चिन्ह होते हैं, जिससे उनकी पहचान होती हैं, यदी ध्वज प्रतीक न हो तो उसे किसी भी देश का झण्डा नही माना जा सकता है, ध्वज में स्लोगन लिखे जाने के बाद झंडा मात्र रंगीन कपड़े ही माने जाते हैं लेकिन जब दिमाग में सामंतवाद और सांप्रदायिक मवाद भरा हो तो विध्न संतोषी किस्म के लोगों को हर चीज में नफरत करने और फैलाने का अवसर मिलता है।
मेहरुद्दीन मंसूरी के घर में लगा झंडा जिसे फिलिस्तीन का बताया जा रहा हैं, गौर से देखने पर सारे दावे हवा हवाई हो रहे हैं। आरोपी ने एसपी से शिकायत कर उल्लेख किया है कि विगत दिनों हमारे मुस्लिम समाज द्वारा ईद मिलादुन्नबी का पर्व हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया है, जिसमे मेरे द्वारा अपने घर में रंग बिरंगे धार्मिक झंडा लगाया है, जिसमें धार्मिक कलमा “ला इलाहा इल लल्ला मोहम्मद रसूल अल्लाह” लिखा हैं, जो कि हमारे धार्मिक आस्था और विश्वास है। गौर से देखा जाए तो फिलिस्तीन के झंडे में काला, सफेद, और हरे रंग की चौड़ाई और लंबाई बराबर- बराबर है, बीच की सफेद पट्टी में लाल रंग की त्रिकोण घुसा हुआ है, जो को फिलस्तीनी झंडे की विशिष्ट पहचान है, फिलिस्तीन ध्वज में कोई स्लोगन नही लिखा हुआ है, जबकि मेहरुद्दीन मंसूरी के घर में लगे झंडे में इस्लामिक कलमा लिखा हुआ है।
– मेहरुद्दीन को मुस्लिम होने की मिली सजा, पुलिस ने किया संविधान के अनुच्छेद 25 का खुला उल्लंघन

भारत का संविधान के अनुच्छेद 25 में सभी धर्मों के सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार गारंटीकृत है,इस अनुच्छेद के तहत, भारत के सभी नागरिकों को धर्म को मानने, आचरण करने, और प्रचार करने का अधिकार है. यह अधिकार नागरिकों और गैर-नागरिकों दोनों के लिए लागू होता है. इस अनुच्छेद में अंतःकरण की स्वतंत्रता, धर्म को मानने का अधिकार, आचरण का अधिकार, और प्रचार का अधिकार शामिल है। जब संविधान सभी को उपासना की स्वतंत्रता प्रदान करता है तो आखिरकार मेहरुद्दीन मंसूरी के विरुद्ध बेबुनियाद मुकदमा क्यों दर्ज किया गया है.. क्या सिर्फ इसलिए कि मेहरुद्दीन सिर्फ मुसलमान हैं..? वही समनापुर थाना प्रभारी कामेश धूमकेती ने बताया कि झंडा पूरा फिलिस्तीन का नही हैं,85 फीसदी मिलता जुलता है… क्या कोई देश का झण्डा 85 फीसदी हो सकता हैं.. जिसके रंग मिलने जुलने से पुलिस मुकदमा लिख दे…?
