डिंडौरी । जिले के ग्राम पंचायतों में किस कदर कमीशन का सिस्टम सेट हैं, इसके उदाहरण आए दिन सामने देखे जा सकता है, कमिशन खोरी के चलते जहां निर्माण कार्य बनते ही धसकने के कगार में पहुंच जाते है वही कागजों में स्टीमेट के अनुसार निर्माण दर्शाते हुए माप पुस्तिका में उपयंत्री 100 फीसदी गुणवत्ता पूर्ण दर्ज कर मोटी रकम कमीशन के तौर पर कमा रहे हैं,इंजीनियर जहां हर महिने कही ना कही कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप में रोज घिरे रहते हैं वहीं जनपद पंचायत बजाग भ्रष्टाचार और घूसखोरी का अड्डा बन गया है। जनपद पंचायत सीईओ से लेकर इंजीनियर और मनरेगा अधिकारी तक कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी में लिप्त है, जबकि विभागीय अधिकारियों की सह पर अब जनपद पंचायत बजाग के इंजीनियर मनरेगा में कमीशनखोरी और मनमानी करने खुद के अपने सप्लायर पैदा कर लिए हैं।
जनपद पंचायत बजाग में कुछ समय तक पदस्थ रहे खेलेंद्र कुमार पटले ने भ्रष्टाचार की हद पार करते हुए खास सप्लायरो के बिल लगाकर कमीशन वसूलने के लिए चर्चित है, वाटर शेड परियोजना में पदस्थ इंजीनियर कुछ महिने के लिए जनपद पंचायत बजाग में ग्राम पंचायत के कार्यों का निष्पादन कर रहे थे वहीं इनके द्वारा कमीशनखोरी के नाम पर खुद के अपने सप्लायर पैदा कर लिए और सप्लायर का नाम है ओम सांई प्रो रामचरण जिनको मटेरियल सप्लायर के नाम पर कोई नहीं जानता वहीं जब तक ये इंजीनियर मनरेगा के कार्यों के मूल्यांकन में मनमानी तौर पर अपने कमीशनखोरी का बिल लगा रहे हैं ,जिसका सरपंच सचिव को पता भी नहीं रहता पर मजाल है जो इनके बिलों से छेड़छाड़ की जा सके।
इंजीनियर खेलेंद्र कुमार पटले बजाग सेक्टर के भुरसी, अंगई, चांडा, विक्रमपुर, सारंगपुर, बिलाईखार जैसी अनेक पंचायत में फर्जी बिल लगाकर कमीशनखोरी के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ के चलते खेलेंद्र पटले मनमानी पूर्वक मनरेगा कै कार्य में भ्रष्टाचार कर रहे हैं जबकि जानकारी के बाद भी इस तरह की लापरवाही पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है।