डिंडौरी न्यूज़। इन दिनों जनपद पंचायत समनापुर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार और धांधली के मामले लगातार खबरों में सुर्खियां बटोर रही है। जिन्हें ग्राम विकास की जिम्मेदारी दी गई है वही विकास कार्य की आड़ में सरकारी पैसे की कैसे हेराफेरी की जाती है इसका प्रत्यक्ष इसका उदाहरण समनापुर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में देखा जा सकता है। यहां पर आए दिन भृष्टाचार के नए—नए मामले सामने आ रहे है,पर जिम्मेदार आधिकारियों के द्वारा कार्यों में हो रही अनियमितताओं की सही ढंग से न तो जांच की जाती है न ही भ्रष्टाचार करने वाले के खिलाफ कार्रवाई। जिसका फायदा उठाते हुए ग्राम सरपंच—सचिव के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार करते हुए शासकीय की राशि का दुरुपयोग किया जाता है , या फिर यूं कहा जाये कि अधिकारियों की सांठगांठ के चलते लाखो रू का बंदरबांट किया जा रहा है। कहना गलत नहीं होगा कि ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को न जांच की चिंता हैं न कार्रवाई का डर तभी तो खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

ये रहा पूरा मामला..
जनपद पंचायत समनापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत मारगांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर हर्ष सिंह से शिकायत कर ग्राम पंचायत में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर किए जा रहें भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि ग्राम पंचायत सरपंच सचिव और जीआरएस के द्वारा मनमानी पूर्वक बिना कोई ग्राम सभा ,बिना ग्राम पंचायत के पंचों के जानकारी के शासकीय राशि का बंदरबाट कर निजी उपयोग किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में मटेरियल सप्लायर आर.के. ट्रेडर्स के प्रोपराईटर की GST धारक और आयकर दाता है जो ग्राम पंचायत में मटेरियल क्रय का फर्जी बिल लगाकर सरकारी राशि का आहरण किया गया है साथ ही उक्त GST धारक आर. के. ट्रेडर्स उर्फ रामकुमार पिता गोवर्धन का जाबकार्ड बना है जिसका जाबकार्ड क्रमांक 283 है जिसमें फर्जी हाजिरी लगाकर भुगतान किया जा रहा है। एक और ग्राम पंचायत के द्वारा जॉब कार्ड में मनरेगा मजदूर बनकर फर्जी हाजिरी लगाकर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है तो वही दूसरी ओर निर्माण सामग्री खरीदा का बिल भुगतान भी उसी व्यक्ति को किया रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि मनरेगा योजना में विद्यार्थियों को फर्जी कुशल मजदूरों के नाम रजिस्ट्रेशन का राशि का आहरण किया जा रहा , बिना कूप मरम्मत, लीचफिट की राशि आहरण करने का आरोप लगाया है साथ ही नियम विरुद्ध सरपंच ,सचिव के अपने सभी संबंधियों के खाते में शासकीय राशि आहरण करने व वर्ष 2022/23 में मरावी ट्रेडर्स के नाम से खेल मैदान पंचायत भवन के पास के नाम में फर्जी बिल लगाकर 79972 रू.भुगतान किया गया जबकि उक्त फार्म से कोई सामग्री नहीं खरीदी न कोई कार्य कराया गया। शिकायत करने आए ग्रामीणों ने कलेक्टर से विगत वर्ष 2022 से अभी तक के समस्त मदों की व्यय की राशियों की उच्च स्तरीय कर जांच कर लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग है। अब देखना यह कि क्या जिम्मेदारों के द्वारा मामले को गंभीरता से लिया जाता है या फिर हमेशा की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?