Home / मनरेगा में अंधेरगर्दी: स्थल में पुलिया का पता नही..उपयंत्री ने फर्जी मूल्यांकन कर मनरेगा फंड में डाला डाका 

मनरेगा में अंधेरगर्दी: स्थल में पुलिया का पता नही..उपयंत्री ने फर्जी मूल्यांकन कर मनरेगा फंड में डाला डाका 

बजाग ।  जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत आमाडोंगरी के सरपंच सचिव ने जनपद के उपयंत्री और सहायक यंत्री की मदद से एक ...

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Chetram Rajpoot

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Chetram Rajpoot

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बजाग ।  जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत आमाडोंगरी के सरपंच सचिव ने जनपद के उपयंत्री और सहायक यंत्री की मदद से एक नया कारनामा कर दिखाया है, यहां कागजों में मनरेगा मद से पुलिया निर्माण का कार्य दिखाकर  लाखो रुपए की भारी भरकम राशि निकाल ली गई। इतना ही नहीं जिस स्थान पर पुलिया निर्माण कार्य दर्शाया गया है वहा कई सालो से कोई निर्माण हुआ ही नहीं है ग्रामीणों ने सरपंच सचिव और जनपद के तकनीकी अधिकारियों पर मिली भगत कर राशि हड़पने का आरोप लगाया हैऔर जांच की मांग की है ग्राम पंचायत के अंतर्गत मनरेगा के भुगतान पोर्टल में पुलिया निर्माण कार्य मुक्ति धाम के पास होना दर्शाया गया है और इस कार्य में खर्च की गई राशि का भुगतान लगभग आठ लाख रुपए होना दिखाया गया है जबकि हकीकत में मुक्ति धाम के पास कोई भी पुलिया का निर्माण नही किया गया है और उपयंत्री और सहायक यंत्री की मदद से मनगढ़ंत बिल लगाकर भुगतान भी करा लिया गया है
मनरेगा के भुगतान पोर्टल में सोनी कांस्ट्रेक्सन नाम की जिस फर्म को दो जुलाई 2024 को बिल क्रमांक 51,52,53 में एक एक भुगतान और 56 में दो बार  सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री के नाम से लगभग साढ़े छह लाख रुपए का भुगतान किया गया है इनमे से दो बिलों में पोर्टलैंड सीमेंट का लाखो रुपए का भुगतान करना दिखाया गया है जबकि ग्रामीणों की माने तो सोनी कांस्ट्रेक्सन नाम की फर्म की कोई भी सीमेंट की एजेंसी ही नही है। इसके अतिरिक्त पुलिया निर्माण के कार्य में दो अन्य फर्मों के बिल क्रमांक 5,और 50 में भी गिट्टी के नाम से लाखो रूपयो का  भुगतान किया गया है स्थानीय  ग्रामीणों ने बताया की ग्राम में सिर्फ एक ही मुक्ति धाम है,जिसके आसपास कोई भी पुलिया  निर्माण कार्य नहीं हुआ है ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए  इस फर्जी निर्माण के जांच की मांग की है उक्त निर्माण को लेकर लेकर ग्रामीणों में एक और  चर्चा है की जर्जर निर्माण कार्य का स्थान बदलकर भुगतान किया गया है ।
गौरतलब है की बजाग क्षेत्र में ऐसी कई मनगढ़ंत फर्म संचालित है जो की मात्र टिन नंबर वाले बिल बुक बनवाकर अपनी फर्म के नाम से सरपंच सचिव और उपयंत्री और सहायक यंत्री से गठजोड़ कर मनरेगा के निर्माण कार्य में लाखो रुपए का बिल लगाकर भुगतान प्राप्त कर रहे है वास्तविकता में ना ही इनकी कोई निर्माण सामग्री की एजेंसी है ना ही इनकी कोई मटेरियल की दुकान है ।
इनका कहना हैं ,,
आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई हैं में इसकी जांच करा लेता हूँ ।
एमएल धुर्वे, सीईओ जनपद बजाग
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