डिंडौरी न्यूज। एस.सी.एस.टी. संयुक्त मोर्चा के तात्वाधानमेंडिण्डौरीजिला मुख्यालय मेंभारत बंद के समर्थन में डिण्डौरी नगर में व्यापारियों ने बंद का समर्थन करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद किए।मोर्चा ने सभीव्यापारियों को धन्यवाद दिया, बस स्टेण्ड से संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ता रैली के रूप् में नारेबाजी करते पुरानी डिंडौरी कम्पनी चैराहे होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष पंहुच कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्य न्यायाधीष सर्वोच्च न्यायालय के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा हैं, ज्ञापन के माध्यम से संगठनों ने माॅग की है कि केंद्र सरकार को एक कानून बनाकर संसद में एक अध्यादेश जारी करना चाहिए ताकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों और जनजातियों की श्रेणी में प्रस्तावित जातियों के उप-वर्गीकरण और क्रीमीलेष्र के निर्णय को लागू न करें। केंद्र सरकार को एससी और एसटी के आरक्षण के लिए एक ही कानून बनाना चाहिए और इसे अनुसूची 9 में शामिल करना चाहिए ताकि कोई भी अदालत इसमें हस्तक्षेप न कर सके। केंद्र सरकार को सभी जातियों की जनगणना करनी चाहिए और उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण प्रदान करना चाहिए।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण निजी विश्वविद्यालयों, निजी प्रतिष्ठानों और संविदात्मक भर्ती में लागू किया जाना चाहिए। मा. उच्च न्यायालय औरमा. उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति“न्यायिक नियुक्ति आयोग“ की स्थापना कर के आयोग द्वारा परीक्षा लेकर की जानी चाहिए न कि वर्तमान“कॉलेजियम“प्रणाली द्वारा, डिंडौरी जिले की सीमा क्षेत्र में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर मरवारी पाॅवर परियोजना, बसनियां बहुउददेषीय परियोजना, अपर बुढनेर परियोजना, खरमेर मध्यम सिंचाई परियेाजना, डिण्डौरी मध्यम सिंचाई परियोजना बिटठलदेह, जैसे बडे-बडे बॉंध बनाकर आदिवासीयों को बडे पैमाने पर विस्थापन किया जा रहा है जिससे 5 वी एवं 6 वी अनुसूची क्षेत्रों से विस्थापित किया जा रहा है, जिससे 5 वी एवं 6 वी अनुसूची समाप्त होने का खतरा निर्मित हो गया है।
अनुसूचित क्षेत्रों में आंषिक विस्थापन मुक्त परियोजनाओं का निर्माण किया जाये। 1947 को मिली आजादी और हमें 1950 में मिले अधिकारों के बावजूद विकास के नाम पर, पर्यावरणसंरक्षण के नाम एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण के नाम पर आदिवासीयों को उनके जल, जंगल और जमीन से विस्थापित किया गया और उनका पुर्नवास करने का कोई ईमानदार प्रयास नहीं हुआ।जबकी संविधान में अनुच्छेद 244 के तहत अनुसूची 5 और 6 में उल्लेख है कि इन क्षेत्रों में केंन्द्र या राज्य सरकार को दखल देने का अधिकार नहीं होगा। संविधान के विरूद्ध किए जा रहे विस्थापन पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। वन संरक्षण संषोधन अधिनियम 2023 अनुसूचित क्षेत्र पांचवी अनुसूची व पेसा कानून ग्रामसभा व वन अधिकार मान्यता कानून के विरूद्ध है, अतः वन संरक्षण संषोधन अधिनियम 2023 को निरस्त करते हुए पूर्ववत किया जावे।
भारत बंद समर्थन रैली कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिले के एससी एसटी सामाजिक संगठन के पदाधिकारी ग्रामीणजन भाग लिए।कुछ कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी भी सम्मलित हुए।कार्यक्रम का सफल संचालन शांतिपूर्वक वरिष्ठ आदिवासी समाजसेवी हरी सिंह मरावी ने किया। मुख्य रूप से प्रदेष सहसचिव आदिवासी कांग्रेस महेन्द्र सिंह परस्ते, प्रदेष महासचिव राजाबली मरावी, गोंडवाना महासभा माधव सिंह मरकाम, भीम आर्मी नवीन गवले, कमल कृष्ण बेलिया, सिलकचंद नागवंषी, नर्मदा खण्ड नवनिर्माणसेना से राष्ट्रीय अध्यक्ष अषोक धुर्वे, प्रदेष महासचिव षिवषाह मरकाम, राघवपुर मरवारी बांध प्रभावित किसान समिति अध्यक्ष ओमकार सिंह तिलगाम, अमरसिहमार्को, अजाक्स संघ के पदाधिकारी सदस्य, आकाष संगठन से गिरवर सिंह तेकाम,पदाधिकारी सदस्य, पांरपरिक ग्रामसभा से हरीषचंद्र मरकाम, अनुदान मसराम, अनुरोध मार्को,कपूर धुर्वे, जयस प्रदेष अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम, दिगम्बर पटटा, गोंड समाज महासभा भारत धुमकेती, पार्षद ज्योतिरादित्य भलावी, युवा कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष षिवराज सिंह ठाकुर, बसपा जिला अध्यक्ष असगर सिददकी, भाजपा युवा प्रदेष कार्य समिति राजेन्द्रपाल कुषराम मुख्य रूप से उपस्थित रहें।