Home / Dindori News : धूमधाम और भाईचारे के साथ मनाया गया कजलियां पर्व

Dindori News : धूमधाम और भाईचारे के साथ मनाया गया कजलियां पर्व

    डिंडौरी।  जिले के शहपुरा मानिकपुर, रायपुरा गांव में आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक कजलियां पर्व पूरे उत्साह के साथ ...

Photo of author

Chetram Rajpoot

Post date

Chetram Rajpoot

Published on:

 

 

डिंडौरी।  जिले के शहपुरा मानिकपुर, रायपुरा गांव में आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक कजलियां पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक कजलियां का त्योहार पारंपरागत रूप से मनाया गया। जहां महिलाएं, पुरुष, बच्चे आदि ने अपनी सहभागिता निभाई। नदी, तालाब और सरोबर में टोकरी और मिटटी को विसर्जित कर कजलियां लेकर लौटी महिलाओं व कन्याओं ने सबसे पहले घर के सदस्यों को कजलियां दी। जहां बड़े-बुजुर्गों ने छोटों को आशीर्वाद दिया तो वहीं छोटों ने बड़ों को प्रणाम किया। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन के दूसरे दिन कजलियां मनाने का यहां की पुरानी परंपरा है जो आज भी जीवंत है। यह पर्व आज भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। सभी जाति-धर्म के लोग एक-दूसरे को कजलियां देकर शुभकामनाएं दी तथा आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया। यह पर्व एक-दूसरे से मिलने-मिलाने वाला त्योहार है। इस दिन लोग अपने से बड़ों को कजलियां देकर पैर छूते हुए आशीर्वाद मांगते है।

 

मान्यता है कि गेहूं, जौ और बांस के बर्तनों में खेत की मिट्टी डालकर कजलियां का बीच नागपंचमी के दूसरे दिन ज्यादातर घरों में डाला जाता है। जबकि घर की कन्याएं व महिलाएं रक्षाबंधन तक जल देते हुए कजलियां का पौधा तैयार करते है दोपहर से शाम तक मनाया जाता है पर्व रक्षाबंधन के दूसरे दिन घर की कन्याएं दोपहर के समय तैयारी कर शाम को महिलाओं के समूह के साथ सिर में बांस की टोकरी रखकर नदी, तालाब, सरोबर में जाती है। जहां कजलियों की तना को जड़ से अलग कर टोकरी को पानी में विसर्जित कर देती है। जबकि तना को कजलियां का पर्व कहते है। जिसको बच्चे व बच्चियां सहित युवा एक-दूसरे को देते हुए आशीर्वाद मांगते है। जबकि किसान परिवार इन पौधों को देखकर अनुमान लगाता है कि इस वर्ष फसल कैसी होगी। वहीं बड़े बुजुर्ग सामने वाले से मिलने वाली कजलियां को तोड़कर बच्चों के कानों पर लगाते है। दोपहर से शुरू होने वाला कजलियां का त्योहार देर रात तक चलता रहा है।

खरमेर नदी में की गई कजलियां विसर्जित 

 

अमरपुर।  प्रेम और भाईचारे के साथ प्रकृति के अनुपम उपहार फसलों से जुड़ा पर्व कजलियां धूमधाम से ब्लॉक भर में मनाया गया। अमरपुर जनपद मुख्यालय में मंगलवार को खरमेर नदी में कजलियां विसर्जन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। विशेष कर युवतियों, महिलाओं और बच्चों में अधिक उत्साह देखा गया। कजलियां विसर्जन के बाद लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते देखें गए। वर्तमान समय में व्यस्तता के बावजूद भी हिंदू धर्म में इन त्यौहारों का महत्व आज भी बरकरार हैं। पुरातन समय से चली आ रही यह परंपरा लोगों के मेल मिलाप का अवसर मानी जाती हैं। इस दिन अपना बैर, द्वेष बुलाकर लोग कजलियां एक दूसरे को देकर मैत्री भाव प्रकट करते हैं।

शिवलिंग पर कजलियां अर्पित

पर्व मनाने दोपहर बाद से ही महिलाएं और बच्चे सिर पर कजलियां की टोकनी लेकर खरमेर नदी की ओर जाते नजर आए। खरमेर नदी में कजलियों का पूजन अर्चन करने के बाद खरमेर तट में बने शिवलिंग पर कजलियां अर्पित की गई। इसके बाद परिवार और समाज में एक दूसरे को कजलियां देकर गले मिले। जनपद मुख्यालय के अलावा ग्राम रामगढ़, अलोनी, नांदा, परसेल, कमरासोढा, सक्का, बिजौरी, बरसिंघा, चांदपुर, भाखा, देवरी, चैरा, मोहनझिर, बटिया, भानपुर समेत आसपास के गांवों में कजलियां पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।

 

 

RNVLive

Related Articles